उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। इसके लिए संस्थान में हिंदी सेल बनाई गई है। इस सेल ने किताबों का हिंदी में अनुवाद भी शुरू करवा दिया है।
जानकारी के मुताबिक, हिंदी में पढ़ाई की शुरुआत नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सों से होगी। नुजहत हुसैन ने बताया कि सरकार लोहिया संस्थान की डीन डॉ. लगातार हिंदी को प्रमोट कर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए संस्थान में हिंदी सेल होगी शुरुआत बनाई गई है। कई फैकल्टी ने भी कुछ हिंदी में नए पाठ्यक्रम लिखे हैं तो कुछ अंग्रेजी की किताबों का हिंदी में अनुवाद कर रहे हैं। फिलहाल नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सों के लिए हिंदी कंटेंट तैयार किया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ विवि समेत अन्य विवि के हिंदी विभाग से भी मदद लेंगे।
हाइब्रिड मोड में चल रही क्लास
संस्थान में अभी हाइब्रिड मोड में क्लास चल रही हैं। इसमें शिक्षक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ा रहे हैं, लेकिन परीक्षाएं सिर्फ अंग्रेजी में होती है। हिंदी में कंटेंट तैयार होने के बाद छात्रों को परीक्षा में भी इसका विकल्प दिया जा सकेगा, हालांकि एमबीबीएस में ऐसा संभव नहीं है। नैशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई अभी अंग्रेजी में ही करवाने का नियम है।
प्रधानमंत्री का भी हिंदी पर जोर
कई यूनिवर्सिटीयों के प्रफेसर मेडिकल में भी हिंदी की पढ़ाई शुरू करवाने के लिए काम कर रहे है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिंदी में अनुवाद की गईं किताबों का विमोचन किया। KGMU के डॉ. सूर्यकांत ने टीबी और अस्थमा पर हिंदी में दो किताबें लिखी हैं। इसके अलावा प्रो. टीसी गोयल भी हिंदी में किताब लिख रहे हैं। मध्य प्रदेश में तो हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू भी कर गई है।