सावन के चौथे सोमवार पर शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज है। निर्मोही अखाड़ा की किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ज्ञानवापी में जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेकर पहुंचीं। लेकिन पुलिस फोर्स ने उन्हें ज्ञानवापी के गेट पर ही रोक लिए। प्रवेश द्वार संख्या -4 पर हिमांगी सखी ने शिव तांडव शुरू कर दिया।
निर्मोही अखाड़ा की किन्नर महामंडलेश्वर ने जब ज्ञानवापी में प्रवेश नहीं मिला तो उन्होंने खुद पर जलाभिषेक किया। कहा- संकल्प लेती हूं कि जब तक मंदिर नहीं बनता, काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन नहीं करेंगे। महामंडलेश्वर ने कहा कि अभी तक ज्ञानवापी का गुंबद गिरा क्यों नहीं।
ज्ञानवापी में जलाभिषेक का लिया संकल्प
ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश के लिए निकली किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि,’हर बार मैं ज्ञानवापी में जलाभिषेक का संकल्प लेती हूं, इस बार भी मैंने संकल्प लिया है। मैं जलाभिषेक के लिए जा रहीं हूं। मुझे मालूम है कि हमें रोका जाएगा, अगर ऐसा किया गया तो हम खुद पर ही जलाभिषेक कर लेंगे। महामंडलेश्वर ने कहा कि अभी तक ज्ञानवापी का गुंबद गिरा क्यों नहीं। इसके बाद महामंडलेश्वर समर्थकों के साथ ज्ञानवापी के गेट नंबर चार पर पहुंचीं। पुलिस ने उन्हें यहां रोक दिया।
बाबा के दरबार में जाकर लिया आशीर्वाद
प्रवेश द्वार संख्या 4 कर बहुत देर तक गहमागहमी की स्थिति बनी रही। जब महामंडलेश्वर को लगा उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा तो उन्होंने त्रिशूल लेकर शिव तांडव शुरू कर दिया। इसके बाद महामंडलेश्वर और उनके समर्थकों ने जयकारों के साथ गंगाजल को अपने सिर पर डाल लिया। वहीं महामंडलेश्वर ने दशाश्वमेध घाट पहुंचकर जयकारों के साथ जलाभिषेक किया। इसके बाद बाबा के दरबार में पहुंच कर दर्शन कर आशीर्वाद लिया।