सीमेंट और स्टील की खरीदारी बढ़ने से बाज़ार में और भी मांग बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इसी वजह से अर्थव्यवस्था के 8 प्रमुख कोर सेक्टरों की विकास दर जून महीने में 8.2 प्रतिशत रही। ये विकास दर 5 महीने के उच्चतम स्तर पर रही। मई 2023 में विकास दर 4.3 प्रतिशत थी। हालांकि वार्षिक आधार पर कोर सेक्टर की विकास दर में गिरावट आई है, पिछले वर्ष जून में कोर सेक्टर की विकास दर 13.1 प्रतिशत रही थी। सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में ये बात सामने आई है।
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से मिले आंकड़ों के अनुसार जून में कोयला, लोहा, सीमेंट, रिफानरी उत्पाद, प्राकृतिक गैस, उर्वरक और बिजली के उत्पादन में तेजी आई है। 8 कोर उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, लोहा, सीमेंट और बिजली के उत्पादन को मापा जाता है। 8 कोर उद्योगों का कुल औद्योगिक उत्पादन में 40.27 प्रतिशत का योगदान होता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ- इंडियन चैम्बर ऑफ बिज़नेस एंड कॉमर्स के सी.ई.ओ. नितिन पंगोत्रा का कहना है जून में कोर सेक्टर का विकास मई की तुलना में लगभग दोगुना हो गया, ये एक अच्छा संकेत है कि महंगाई के बावजूद बाज़ार में कोर सेक्टर उत्पादों की मांग रही, जिससे उत्पादन बढ़ा और कोर सेक्टर की विकास दर 8 प्रतिशत को पार कर गई। इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि जुलाई के आंकड़े और भी बेहतर होंगे।