हरियाणा के नूंह में सोमवार को भारी हिंसा हुई। हिंसा में 2 होमगार्ड जवानों और एक नागरिक की हत्या कर दी गई। घायलों की संख्या 60 से अधिक बताई जा रही है, जिनमें दर्जनों पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस सहित बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल लोगों के 40 से अधिक वाहनों को या तो तोड़ डाला गया है या जला दिया गया।
तनाव को देखते हुए नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी और फरीदाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ मोबाइल इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। दंगाइयों के बीच फँसे लोगों को बचाकर नूंह पुलिस लाइन लाया गया है। बचाये गए लोगों का दावा है कि हिंसा का षड्यंत्र कम-से-कम 6 महीना पहले से रचा जा रहा था।
नल्हड शिव मंदिर से बचाकर लाए गए लोगों ने पत्रकारों को बताया कि हिन्दुओं की पहली बस, जो मंदिर में जल चढ़ाकर गई, उसे 1 किलोमीटर के बाद जला दिया गया। इसके बाद 14-15 और गाड़ियों को जलाया गया।
पीड़ितों ने आगे बताया कि मामले की जानकारी होने पर कुछ हिन्दू घटना के बारे में जानने गए तो उनके वाहनों को भी जला दिया गया। पीड़ित ने कहा कि उन पर हमले के लिए इस्लामी उपद्रवियों द्वारा AK 47 का इस्तेमाल किया गया था। एक अन्य पीड़ित ने बताया कि प्राचीन शिव मंदिर 3 तरफ से पहाड़ों से घिरा है। तीनों तरफ से गोलियाँ चलीं। बताया गया कि पुलिस ने पहुंचने के बाद जवाबी फायरिंग की, लेकिन पुलिस पर भी लगभग एक घण्टे तक गोलियाँ बरसाईं गईं। लोगों ने बताया कि हमले के दौरान मंदिर में फंसे श्रद्धालुओं की संख्या 6 से 7 हजार के बीच थी। पूरी बृजमंडल यात्रा में अनुमानित लोगों की तादाद 25 हजार बताई गई है। लोगों ने बताया कि वो मंदिर के अंदर लगभग 7 घंटे तक फँसे रहे।