हरियाणा के नूंह में जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिमों के सुनियोजित हमले, तोड़फोड़, आगज़नी के तीन दिन हो चुके हैं, ऐसे में साफ तौर पर समझा जा सकता है कि हमले का कारण मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिंदुओं के प्रति घृणा थी और धार्मिक विद्वेश था। हिंदू अपनी शोभायात्रा और पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर में एकत्रित हुए थे, जिसका मुस्लिमों से कोई लेना देना नहीं था। लेकिन पूरे समुदाय ने योजनाबद्ध तरीके के जलाभिषेक यात्रा पर हमला किया और दो होमगार्ड समेत 5 हिंदुओं की नृशंस हत्या कर दी। लेकिन वामपंथी और विदेशी मीडिया इस पूरे मामले में हिंदू विरोधी नैरेटिव के साथ मुस्लिमों को पीड़ित बताने का प्रयास कर रहा है। साथ ही मीडिया का ये प्रयास भी है कि किसी तरह से सरकार की छवि भी धूमिल की जाए, जिससे आने वाले समय में विपक्षी दलों को इसका राजनैतिक लाभ भी मिल सके। आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि मेन स्ट्रीम मीडिया का एक तबका ऐसा भी है जो कि विभिन्न N.G.O. के माध्यम से विदेशी फंडिंग पर देश में ही देश विरोधी एजेंडा चला रहा है। पिछले कुछ समय में सरकार द्वारा ऐसे कई N.G.O. पर नकेल कसी गई कुछ की मान्यताएं रद्द हुईं और विदेशी फंडिंग पर रोक लगा दी गई। इससे बिलबिलाए तथाकथित वामपंथी देश विरोधी हरकतें करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते।
अब आपको ये भी जान लेना चाहिए कि मृतकों में कौन कौन शामिल थे– तो सबसे पहले दो होमगार्ड के जवान नीरज और गुरसेवक जो अपनी ड्यूटी कर रहे थे लेकिन क्रूर मुस्लिम भीड़ ने उन्हें मार दिया। मिठाई की दुकान में काम करने वाले शक्ति सैनी जो यात्रा में भी शामिल नहीं थे, उन्हें केवल हिंदू होने के कारण मार दिया गया। अब बात करते हैं अभिषेक और प्रदीप की जिन्हें सावन में अपने ईष्ट की पूजा करने की कीमत पर जान गंवानी पड़ी। बात मौलाना शाद की भी करेंगे तो समझ लीजिए कि नूंह में भड़की हिंसा गुरुग्राम तक पहुंच गई थी। हिंदू आत्मरक्षा के लिए निकल पड़े थे। ऐसे में गुरुग्राम की एक निर्माणाधीन विवादित मस्जिद जिस पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है, उसमें लोगों ने आग लगा दी, उसमें मौलाना शाद की मृत्यु हो गई। यहां हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि लाइवयूपी टुडे किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता लेकिन किसी वर्ग विशेष द्वारा की गई हिन्दुओं की नृशंस हत्या और उपद्रव को सही ठहराने वाले तथाकथित मीडिया का पूरी तरह विरोध करता है।