फिच ने कम कर दी है अमेरिका की टॉप रेटिंग
2011 के बाद पहली बार अमेरिका की रेटिंग गिरी
वित्तमंत्री येलेन जेनेट ने फिच रेटिंग को नकारा
विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका को तगड़ा झटका लगा है। फिच (Fitch) ने अमेरिका की रेटिंग को AAA से घटाकर AA+ कर दिया है। 2011 के बाद अमेरिका की रेटिंग में पहली बार गिरावट देखी गई है। देश की वित्तीय स्थिति और बढ़ते कर्ज को देखते हुए फिच ने ऐसा किया है। फिच का कहना है कि अमेरिका में पिछले 20 साल में प्रशासनिक स्तर पर स्थिति बदतर हुई है। फिच दुनिया की तीन बड़ी स्वायत्त संस्थाओं में से एक है जो किसी देश या कंपनी की क्रेडिट साख का आकलन करती है। हालांकि अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने इसे एजेंसी की मनमानी बताया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 2018 से 2020 के पुराने डेटा के आधार पर यह रेटिंग दी है।
दुनियाभर के इनवेस्टर्स निवेश के लिए क्रेडिट रेटिंग्स को बेंचमार्क मानते हैं। इससे पता चलता है कि किसी कंपनी या सरकार के इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाने में कितना जोखिम है। अमेरिकी सरकार के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश को सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था का आकार विश्व में सबसे बड़ा है और उसमें दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा स्थिरता है। लेकिन इस साल सरकार की उधारी को लेकर भारी राजनीतिक गतिरोध देखने को मिला था। जून में सरकार डेट सीलिंग को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर करने में कामयाब रही लेकिन उससे पहले भारी राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला। इसके चक्कर में अमेरिका पहली बार डिफॉल्ट होने के कगार पर पहुंच गया था।
इसका प्रभाव भारतीय शेयर बाज़ार पर भी देखने को मिला सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लुढ़क गए। सेंसेक्स 673 अंकों की गिरावट के साथ एवं निफ्टी 207 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुए।
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