डॉक्टर भगवान होते हैं इस बात चरितार्थ किया है लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने। KGMU ने एक बार और शल्य चिकित्सा में अपना लोहा मनवाया है। आपको बता दें कि KGMU अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने हाथ से पूरी तरह से अलग हो चुकी कलाई को शल्य चिकित्सा के माध्यम से पूरी तरह से जोड़ दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक, सर्जरी के बाद युवक का हाथ पहले जेसे सामान्य हाथ की ही तरह काम करेगा। जिससे उसे आगे के जीवन में कोई परेशानी नहीं होगी। सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक है।
सीतापुर के रोहित के साथ हुआ था हादसा
बता दें अपने घर में आय के अकेल स्रोत सीतापुर के रोहित के साथ 29 जुलाई को एक हादसा हुआ। जिसने उनको अंदर से तोड़ दिया। बताते हैं की मजदूरी के दौरान जेसीबी का एक हिस्सा रोहित के सीधे हाथ पर गिर गया जिससे उनकी कलाई हाथ से काटकर अलग हो गई। उनका हाथ खून से लथपथ हो गया। आस पास मौजूद लोगों ने आनन फानन में उन्हें सीतापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहाँ डॉक्टरों ने प्राइमेरी ट्रीटमेंट के बाद उन्हें KGMU लखनऊ रिफ़र कर दिया। कगमु पहुंचे मरीज को प्लास्टिक सर्जरी विभाग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार की देख रेख में भर्ती करके इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई।
10 घंटे की मेहनत के बाद मिली सफलता
प्लास्टिक सर्जरी विभाग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार ने बताया कि सबसे पहले कटे हुए भाग का विच्छेदन किया गया और फिर मरीज के हाथ की धमनियों, शिराओं, तंतुओं और नसों को माइक्रोस्कोप की मदद से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें तकरीबन 10 घंटे का समय लगा। डॉ. कुमार बताते हैं कि 10 घंटे की लंबी शल्य चिकित्सा और कड़ी मेहनत करके मरीज के हाथ का प्रत्यारोपण कर उसे सफल बनाया गया। उन्होंने बताया कि मरीज का हाथ पूरी तरह से जुड़ चुका और वह स्वस्थ है। रोहित कुमार को जरूरी निर्देशों के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है ।
आपको बात दें अंग प्रत्यारोपण सर्जरी करने वालों में सर्जिकल टीम ने डॉ. विजय कुमार, डॉ. संध्या पांडे, डॉ. किरण सिलवाल, डॉ. काव्या, डॉ. सोनिया, डॉ. मेहवाश व डॉ. गौरव शामिल रहे। निश्चेतना टीम मे डॉ. राजेश रमन व उनके रेजीडेंट डॉक्टर मौजूद रहे।
उन्होंने अन्य कोई अगर ऐसी घटना का शिकार होता है तो वो अंग कटने पर क्या करें ये भी बताया..
- कटे हुये भाग को साफ कपड़े में लपेट कर प्लास्टिक थैली में डालें तथा प्लास्टिक थैली को चारों तरफ बर्फ में रखें।
- कटे हुये भाग/अंग पर साफ कपड़ा बांध दें जिससे रक्त स्राव न हो।
- कटे हुये अंग को जोड़ने का गोल्डन पीरियड 6 से 8 घंटे है। अतः शीघ्र अतिशीघ्र निकटतम अस्पताल जाएं।
प्रो.विजय कुमार की माने तो प्लास्टिक सर्जरी विभाग मे यह सुविधा 24 x 7 मौजूद है। आवश्यकता पड़ने पर हेल्प लाइन नम्बर 9415200444 पर संपर्क करें।