ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदू धर्म के प्रति अपनी आस्था को
गर्व के साथ बताने में कभी हिचकते नहीं हैं। 15 अगस्त को भारत की आजादी का जश्न
मनाने के लिए ऋषि सुनक लंदन में रामकथा सुनने पहुंचे। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के
जीसस कॉलेज में कथावाचक मोरारी बापू की रामकथा सुनने के लिए उनके वहां पहुंचने का
5 मिनट का वीडियो सामने आया है।
ऋषि सुनक ने इसे गर्व का पल बताते हुए कहा कि वह कथा सुनने के लिए एक
प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि हिंदू होने के नाते इस आयोजन में शामिल हुए
हैं।
इस दौरान सुनक ने अपने संबोधन की शुरुआत
‘जय सियाराम’ के साथ की। इसके बाद उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें काफी अच्छा
लग रहा है। सुनक ने कहा कि मेरे लिए
मेरी आस्था बहुत ही व्यक्तिगत है। यह मुझे मेरे जीवन के हर पल में सही दिशा की
तरफ आगे बढ़ाती है। प्रधानमंत्री होना एक बहुत ही सम्मान की बात है लेकिन यह उतना
ही कठिन काम भी है। उन्होंने
कहा कि आपको कई फैसले ऐसे लेने पड़ते हैं जो आसान नहीं होते हैं। मुश्किल विकल्पों
का सामना करना पड़ता है। मेरा धर्म मुझे हिम्मत और साहस देता है कि मैं देश के
लिए ऐसे फैसले ले सकूं जो सर्वश्रेष्ठ साबित हो।
सुनक ने आगे कहा कि मेरे लिए यह बहुत ही खुशी और गर्व का पल
था जब मैंने चांसलर के पद पर रहते हुए 11 डाउनिंग
स्ट्रीट पर दिवाली के मौके पर दिए जलाए थे।
सुनक ने बताया कि जिस तरह से मोरारी बापू के पीछे बड़े से सुनहरे
हनुमान विराजमान हैं, उसी तरह से
10 डाउनिंग स्ट्रीट पर उनकी डेस्क पर
सोने के गणपति रखे हुए हैं। सुनक ने कहा कि जब वह बड़े हो रहे थे तो उस समय
साउथहैम्पटन में स्थानीय मंदिर में जाने की बहुत अच्छी यादें उनके पास हैं। सुनक
ने कहा
कि मेरे लिए भगवान राम हमेशा मेरे जीवन की
चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने और शासन को विनम्रता और निस्वार्थ भाव से काम
करने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने ‘जय सियाराम’ के साथ अपना संबोधन
समाप्त किया।