केंद्र सरकार ने मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश करते हुए इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल’ बताया। कानून मंत्री ने कहा कि ”संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है। आर्टिकल 239AA हम इसमें इंसर्ट कर रहे हैं, जिसके माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 33 परसेंट महिलाओं को रिज़र्वेशन मिलेगा। उसके बाद हम आर्टिकल 330A में अमेंडमेंट कर रहे हैं, जिसके माध्यम से लोकसभा में एससी/एसटी के लिए सीटों का जो आरक्षण पहले से है, उसमें हम 33 परसेंट महिलाओं के आरक्षण की बात कर रहे हैं।”
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ”एक आर्टिकल 332 है, जिसमें स्टेट लेजिस्लेटिव एसेंबली में 33 परसेंट महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था कर रहे हैं, ये बहुत महत्वपूर्ण बिल है।” कानून मंत्री ने कहा, ”फिर आर्टिकल 334A में हम एक नया क्लॉज जोड़ रहे हैं, जिसके माध्यम से इस महिला रिजर्वेशन की जो अवधि होगी वो 15 साल के लिए होगी, अवधि अगर बढ़ानी होगी तो संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।”बता दें कि सोमवार 18 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बिल को लोकसभा में पेश किए जाने को लेकर मंजूरी दी थी।