मथुरा के महावन कस्बे में यमुना किनारे स्थित राधारानी की जन्मस्थली रावल में शनिवार को ‘लाडली जी’ के प्राकट्य महोत्सव पर तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ देर शाम तक लगी रही। शनिवार सुबह साढ़े चार बजे मंगला आरती पर पूरा मंदिर परिसर राधे-राधे के जयघोष से गूंजने लगा। मंदिर के सेवायत पुजारी राहुल कल्ला एवं गोकुल के पंकज बाबा द्वारा साढ़े पांच बजे से साढ़े छह बजे तक महाभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, केसर, यमुना जल का प्रयोग हुआ।
सुबह लगभग आठ बजे पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज राधारानी मंदिर पहुंचे और उन्होंने राधारानी को पुष्प अर्पित कर प्रणाम किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने भी राधारानी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। राधारानी के दर्शन के लिए दर्शनार्थियों की लम्बी कतार लगी हुई थी। बारिश के बीच श्रद्धालु काफी आनंदित होकर जय जयकार करते हुए मंदिर पहुंच रहे थे। शाम को गोकुल से गौडीय मठ तक चाव मंदिर परिसर पहुंचे राधारानी के भक्तों ने राधा-राधा गाकर और नृत्य करते हुए चाव गायन का समापन किया।