नई दिल्ली- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को चाहिए कि गंगा जल पर लगे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को हटाए। खड़गे ने गुरुवार को एक्स पर लिखा कि एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसकी जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी मां गंगा का महत्व बहुत ज़्यादा है। अच्छी बात है कि आप (प्रधानमंत्री मोदी) आज उत्तराखंड में हैं। आप की सरकार ने पवित्र गंगा जल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया है। एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगाजल मंगवाते हैं, उन पर इसका बोझ क्या होगा। इस मुद्दे पर सरकार को गौर करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय यात्रा पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने पिथौरागढ़ में पार्वती कुंड और आदि कैलाश के दर्शन किए। खड़गे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उत्तराखण्ड के दौरे पर हैं। इस दौरे में प्रधानमंत्री तीर्थाटन भी कर रहे हैं।
बताते चलें कि वर्ष 2016 में सरकार ने देश भर में डाकघर के माध्यम से शुद्ध गंगा जल उपलब्ध कराने की पहल की थी। योजना सफल रही, लोगों ने इस योजना के तहत भारी मात्रा में गंगाजल खरीदा। कहीं कहीं तो इसकी कमी या अनुपलब्धता की बात भी सामने आई।
सरकार ने लगाई 18 प्रतिशत जी.एस.टी.
शुरुआत में ऋषिकेश और गंगोत्री से आने वाली 200 और 500 मिलीलीटर गंगाजल की कीमत क्रमशः 28 और 38 रुपये थी, तो वर्तमान में डाक विभाग गंगोत्री के गंगाजल की 250 एम.एल. की बोतल उपलब्ध करा रहा था। जिसकी कीमत 30 रुपए थी, लेकिन 18 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद अब इसकी कीमत 35 रुपये हो गई है। अब गंगाजल ऑनलाइन मंगाने पर एक बोतल 125 रुपए की पड़ेगी, क्योंकि…. भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट से अगर आप गंगाजल खरीदते हैं तो स्पीड पोस्ट चार्ज के साथ गंगोत्री के गंगाजल की 250 एमएल की एक बोतल 125 रुपए, दो बोतल 210 रुपए और चार बोतल 345 रुपए में मिलेंगी, यह गंगाजल डाकिया घर तक पहुंचाएगा।
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खबरें यह भी हैं कि इस योजना के तहत डाक विभाग पहले गंगोत्री और ऋषिकेश का जल उपलब्ध कराता था, लेकिन विगत कुछ वर्षों से केवल गंगोत्री का जल ही उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि गंगा का उद्गम स्थल होने के कारण इसे सबसे शुद्ध गंगाजल समझा जाता है। सनातन धर्म के धार्मिक अनुष्ठानों में गंगाजल को स्वर्ण का दर्जा प्राप्त है, जो श्रद्धालु धार्मिक यात्राओं में जाते हैं, वे गंगाजल अपने साथ लेकर आते हैं। पूजा घर में रखते हैं एवं गंगाजल समारोह का भव्य आयोजन भी करते हैं, ऐसे में गंगाजल पर जी.एस.टी. लगाने धार्मिक भावनाएं तो आहत होंगी ही साथ ही लोगों को एक बोतल के लिए 5-7 रुपए अतिरिक्त देने होंगे।
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