मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के साथ उज्बेकिस्तान यूनिवर्सिटी का करार हुआ है। इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के बीच गुरुवार को एमओयू साइन किया गया। पांच वर्ष के लिए हुए इस एमओयू के तहत दोनों देशों के शिक्षक और विद्यार्थियों को एक-दूसरे के शोध कार्य का लाभ मिलेगा।
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गुरुवार को इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान की प्रो. दिलफुजा जब्बोरोवा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पहुंचीं। सबसे पहले डॉ. दिलफुजा ने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के साथ शिष्टाचार भेंट की। इसके बाद उज्बेकिस्तान के शिक्षण संस्थान और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की ओर से कुलपति और कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा द्वारा हस्ताक्षर किए गए,, जबकि इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान की ओर से निदेशक प्रो. अब्दुल जालिल नरीमानोव एवं डॉ. दिलफुजा जब्बोरोवा ने हस्ताक्षर किए।
पांच वर्षों के लिए किए इस एमओयू में एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थियों के संयुक्त शोध निर्देशन, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों के शोध कार्याें में आदान-प्रदान, सयुंक्त रूप से सेमिनार एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच में एकेडमी इन्डस्ट्री पर सहयोग करना शामिल है। इस अवसर पर कार्य परिषद सदस्य प्रो. वाई विमला, डॉ. शैलेन्द्र जायसवाल, प्रो. आरके सोनी, प्रो. एमके गुप्ता, प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. शैलेन्द्र सिंह गौरव, प्रो. शैलेन्द्र शर्मा, प्रो. जितेन्द्र कुमार, प्रो. राहुल कुमार, प्रो. संजीव शर्मा आदि उपस्थित रहे।
इसके बाद डॉ. दिलफुजा जब्बोरोवा ने रसायन विभाग में ‘प्रौधों और मिट्टी के गुणों की वृद्धि और शारीरिक विशेषताओं पर बायोचार अनुप्रयोग का प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया। इसके बाद जैव-प्रौद्योगिकी विभाग में पौधों की वृद्धि जैविक नियंत्रण और मृदा स्वास्थ्य सुधार के रूप में राइजोबैक्टीरिया का अनुप्रयोग पर व्याख्यान दिया।