नई दिल्ली- तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल मानहानि मामले में महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को करने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान मामले के प्रतिवादी और वकील जय अनंत देहादराय ने वकील गोपाल शंकरनारायण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महुआ के वकील ने उनसे संपर्क कर महुआ के खिलाफ सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा था। देहादराय ने कहा कि 19 अक्टूबर की रात को गोपाल शंकरनारायण ने उन्हें फोन किया और कहा कि सीबीआई शिकायत वापस ले लें और बदले में वे हेनरी नामक कुत्ता अपने कब्जे में ले लें।
महुआ मोइत्रा पर कुत्ता चोरी का भी है आरोप
देहादराय और महुआ ने एक-दूसरे पर हेनरी की चोरी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस से शिकायत की है। देहादराय ने कहा कि ये हितों के गंभीर टकराव का मामला है। देहादराय की बातें सुनने के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य है, आपसे उच्च पेशेवर मानदंडों की उम्मीद की जाती है। क्या आपने प्रतिवादी नंबर दो से संपर्क किया है। इस पर गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि उन्होंने देहादराय से महुआ मोइत्रा की सहमति से संपर्क किया था। तब कोर्ट ने कहा कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की। क्या अब भी आप इस मामले में पेश होने योग्य हैं। इसका जवाब आप खुद दें, मैं आप पर छोड़ता हूं। इस पर गोपाल शंकरनारायणन ने महुआ की तरफ से वकील के रूप में अपना नाम वापस लेने की बात की।
याचिका में महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के अलावा वकील जय अनंत देहादराय और कुछ मीडिया संगठनों को भी प्रतिवादी बनाया है। याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहादराय ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे। निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे। इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से जुड़े हुए थे जो हीरानंदानी का बाजार में प्रतिस्पर्धी है। दुबे को वकील देहादराय ने पत्र लिख कर बताया कि उन्होंने सीबीआई से इस बात की शिकायत की है कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे। देहादराय ने अपनी शिकायत के समर्थन में सीबीआई को साक्ष्य भी पेश किया था।
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देहादराय ने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को लोकसभा के ऑनलाइन अकाउंट का एक्सेस दिया था, जिसका हीरानंदानी ने अपनी मनपसंद सवाल पूछने के लिए दुरुपयोग किया। महुआ मोइत्रा ने इस आधार पर 50 से 61 सवाल पूछे थे। महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले निशिकांत दुबे, देहादराय और मीडिया संगठनों को लीगल नोटिस भेजा था। महुआ मोइत्रा ने याचिका में कहा है कि निशिकांत दुबे और देहादराय ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है।