चकबंदी
संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता
पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला
जारी है। राजस्व आयुक्त ने मंगलवार को जौनपुर में 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों में
संतोषजनक कार्य न होने और कार्य में शिथिलता, लापरवाही पर एक दर्जन अधिकारियों का
वेतन रोक दिया गया है। इसके साथ ही सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
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चकबंदी
आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मंगलवार को वाराणसी के विन्ध्याचल मंडल व
वाराणसी मंडल के चकबन्दी कार्यों की समीक्षा ग्रामवार की गई। इस बैठक में 10
वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों के
निस्तारण में लापरवाही पर मीरजापुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी नरेन्द्र सिंह,
धनराज यादव, चकबंदी अधिकारी गजाधर सिंह, जौनपुर के उप संचालक चकबंदी सोमनाथ
मिश्र का वेतन रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इनके
अलावा बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी विनोद कुमार वर्मा, चकबंदी अधिकारी फरहत अहमद खां, श्यामधनी पाल, रामजी शुक्ल, विजयशंकर सिंह, सत्य प्रकाश चौबे, संजीव कुमार और वाराणसी के चकबंदी
अधिकारी मनोज कुमार सिंह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है। वहीं
सोनभद्र में चकबन्दी कार्य के पर्यवेक्षण में उदासीनता, शिथिलता एवं लापरवाही पर सुभाष चन्द्र
यादव, अपर जिलाधिकारी/उप
संचालक चकबन्दी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
बैठक
में मिर्ज़ापुर के ग्राम गौरा, मदईयां,
अमोई, जिला सोनभद्र के ग्राम भैसवार, जनपद वाराणसी के ग्राम कमौली, अजगरा, टिकरी, जनपद चन्दौली के ग्राम महुजी कुरहना,
जनपद जौनपुर के ग्राम ढेमा, सुरीश, लखेसर, खपड़हा, लखवा एवं जनपद गाजीपुर के ग्राम बेलसड़ी,
चौरहीं, रायपुर बाघपुर जैसे गांवों की समीक्षा
की गयी।
जौनपुर में अत्यधिक अपील लम्बित होने पर एक अतिरिक्त बन्दोबस्त अधिकारी
चकबन्दी तैनात करने के निर्देश दिए गए। वादों के पारदर्शी एवं गुणवत्तापरक
निस्तारण के लिए पीठासीन अधिकारी द्वारा जो भी आदेश पारित किए जाएं, उसको स्पीकिंग एवं गुणदोष पर पारित किया जाए। इसके
अलावा ग्राम अदालतों के माध्यम से अधिक से अधिक वादों को लगाकर गुणवत्तापरक
निस्तारण कर वादकारियों को सुलभ न्याय उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया।
समीक्षा
बैठक में चकबन्दी प्रक्रिया में शामिल ग्रामों के जीर्ण-शीर्ण अभिलेखों को डिजिटल
फोटो के साथ स्कैनिंग कराने के निर्देश दिए गए। इसके लिए समस्त उप संचालक चकबन्दी
को जिलाधिकारी से सम्पर्क कर डीजी रोवर की व्यवस्था जिले स्तर से ही कराकर अभिलेख
सुरक्षित कराने को कहा गया है। जौनपुर में बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी के न्यायालय
में काफी संख्या में अपील लम्बित होने पर इनके त्वरित निस्तारण के लिए भदोही के एक
आशुलिपिक को सम्बद्ध किया गया है।