Etawah News: उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के हृदय रोग विशेषज्ञ डा समीर सर्राफ को चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियां विदेश घुमाती थी। जिसके बदले में हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष रहते डा समीर ने तीन साल में करीब 600 मरीजों को घटिया पेसमेकर लगाए। एक पेसमेकर में 80 हजार से लेकर एक लाख रुपये की कमाई की गई। हृदय रोग विशेषज्ञ डा समीर सर्राफ को शासन से अनुमति मिलने के बाद पेसमेकर घोटाले में पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में मौजूदा कुलपति प्रो डा राजकुमार ने 20 मार्च 2021 को समीर सर्राफ को निलंबित कर दिया था। इसकी जांच के लिए शासन ने कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने को कहा था। कुलसचिव चंद्रवीर सिंह ने बताया कि समीर जेल में हैं। अब आगे का निर्णय कार्य परिषद की बैठक में किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री जनसुनवाई शिकायत पोर्टल पर मरीज दिनेश चंद्र के स्वजन ने 20 दिसंबर 2017 को शिकायत कर आरोप लगाया कि डा समीर ने घटिया पेसमेकर लगा दिया, जिससे दिनेश की मौत हो गई। उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद एक और शिकायत आई कि डा समीर ने रौली सोमवंशी नाम की मरीज को 12 अगस्त 2017 को पेसमेकर लगाया जो कुछ दिन बाद बाहर आ गया। इसके बाद लगभग एक दर्जन शिकायतें आई। डा राजकुमार कुलपित बने तो उन्होंने 17 मार्च 2020 को जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई। इसमें विश्विविद्यालय के डाक्टरों के साथ ही सैफई के उपजिलाधिकारी हेमसिंह भी शामिल थे। समिति ने 12 नवंबर 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल कर डा समीर को दोषी ठहराया था।
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कुलपति ने 19 मार्च 2021 में डा समीर को निलंबित कर दिया और दोबारा मामले की जांच डा आइके शर्मा से कराई। डा शर्मा ने 24 सितंबर 2021 को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया कि हृदय रोग विभाग में एक करोड़ रुपये से अधिक के सामान की खरीद-फरोख्त के मामलों में वित्तीय अनियमितता बरती गई है। मरीजों को सस्ती कंपनियों के पेसमेकर लगाकर अच्छी कंपनियों के दाम लिए गए। एक पेसमेकर में 80 से लेकर एक लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया गया था। डा समीर ने बिना अनुमति आठ बार विदेश यात्रा की। ये यात्राएं चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों द्वारा प्रायोजित थीं। ललितपुर के रहने वाले डा समीर के माध्यम से दवा उपकरण बनाने वाली कंपनियां कमाई करती रहीं।
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डा समीर अपने बेटे की जन्मदिन की पार्टी भी विदेश में ही करते थे। उन्होंने मरीजों से 96 हजार की जगह एक लाख 85 हजार रुपये लिए। उन्हें एमआरआइ पेसमेकर न लगाकर उसका स्टिकर लगाकर घटिया क्वालिटी का नान एमआरआइ पेसमेकर लगाए है। उन्होंने समस्या होने पर दूसरे अस्पतालों में जांच कराई तो पता चला कि घटिया पेसमेकर लगाया गया है। जनवरी 2022 में डा आदेश कुमार की ओर से सैफई थाने में डा समीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। डा समीर को 22 अगस्त 2023 में बहाल कर दिया गया और हृदय रोग विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई। जिसके बाद में हटा दिया गया। इसी माह सात तारीख को डा समीर को गिरफ्तार कर जेल भेज गया है। इसके दूसरे दिन उन्हें फिर से निलंबित कर दिया गया।
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सीओ सैफई नागेंद्र चौबे ने बताया कि मरीजों के बयान लेने के साथ विश्वविद्यालय से और रिकार्ड मांगा गया है। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि एक सप्ताह पहले समीर सर्राफ पर शासन से मुकदमा चलाने और गिरफ्तारी की अनुमति मिल गई थी। जिस पर सीओ सैफई नागेंद्र चौबे ने गिरफ्तारी की है। नागेंद्र चौबे द्वारा मामले की जांच भी की जा रही है। डा समीर सर्राफ का मंगलवार को जिला अस्पताल में मेडिकल भी कराया गया। वहीं मध्य प्रदेश से लौटते समय उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार को सैफई हवाई पट्टी में कुछ देर के लिए रुके। डा. समीर के मामले पर कहा कि जिन लोगों के साथ दिक्कत हुई है, सरकार उनका पता करेगी और उनकी जीवन रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।