उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम के कारनामे हमेशा सुर्खियां बटोरते हैं। लोगों के सीने पर चढ़कर धन वसूली का खेल करने वाला नगर निगम मुख्यमंत्री योगी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की जद में आ गया है। एंटी करप्शन टीम ने नगर निगम के कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा है। मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक दल ने जोन 2 के रेवेन्यू इन्स्पेक्टर सुबोध वर्मा को रिश्वत लेते पकड़ा है। पीड़ित ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में कर्मचारी द्वारा 20000 रुपये की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शुक्रवार को टीम ने जाल बिछाया। पीड़ित को 8000 रुपये दिए। उन रुपयों को जैसे ही रेवेन्यू इन्स्पेक्टर और साथी कर्मचारियों को उसने दिया टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
खबर है कि टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा टैक्स निर्धन और म्यूटेशन के नाम पर मोटा पैसा रिश्वत लेकर कमा रहा था। उसके साथ नगर निगम के उससे जुड़े अधिकारी भी मौज काट रहे थे। सुबोध वर्मा पीड़ित से लगातार पैसे की डिमांड कर रहा था। ऐसे में पीड़ित ने परेशान होकर इस बात की शिकायत एंटी करप्शन में की। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा को 8000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। बताया जा रहा है कि टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा ने पीड़ित से 20000 रुपए की डिमांड की थी।
यहाँ ऐशबाग स्थित नगर निगम जोन 2 कार्यालय से एंटी करप्शन टीम ने टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा को 8000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपी सुबोध वर्मा जोन 2 में टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। बताया जा रहा है कि टैक्स इंस्पेक्टर की डिमांड पर पीड़ित रुपए लेकर कार्यालय पहुंचा। वहीं जैसे ही उसने टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा को 8000 रुपए दिए तभी एंटी करप्शन की टीम रंगे हाथ पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टैक्स इंस्पेक्टर सुबोध वर्मा को पकड़कर एंटी करप्शन की टीम अपने साथ ले गई।
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