– श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 554वें प्रकाश पर्व कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी
– बोले मुख्यमंत्री – गुरु नानक जी द्वारा रखी गई नींव को और मजबूत करना हर भारतीय का दायित्व
– जब बड़े बड़े राजा मुगलों की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, तब सिख गुरुओं ने की देश-धर्म की रक्षा
– हिन्दुस्तान और देश-धर्म को बचाने के लिए गुरुओं ने दिया था सर्वोच्च बलिदान : योगी आदित्यनाथ
आज श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 554वें प्रकाश पर्व पर आशियाना स्थित गुरुद्वारे में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘सिख गुरुओं का बलिदान केवल खालसा पंथ के लिए न होकर हिन्दुस्तान और धर्म को बचाने के लिए था। उस दौर में जब बड़े-बड़े राजा महाराजा मुगल सत्ता की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, तब सिख गुरु अपने दम पर देश और धर्म की रक्षा कर रहे थे। जिस देश और परंपरा में इस प्रकार का जुझारूपन हो उसे दुनिया की कोई ताकत झुका नहीं सकती। खालसा पंथ की स्थापना मुगल सल्तनत के पतन का कारण बना। आज सिख पूरी दुनिया में छाये हुए हैं, मगर मुगलों की सत्ता का कहीं अता-पता नहीं है। ये सत्य और धर्म का रास्ता है।’
बाबर के अत्याचारों के खिलाफ गुरु नानक देव जी ने बुलंंद की थी आवाज
CM योगी ने प्रदेशवासियों को गुरुपर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकाश पर्व हम सबके जीवन में गुरु कृपा से ज्ञान का प्रकाश देता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, भक्ति, शक्ति, साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है। भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरु नानक जी का प्रकाश फैला है। उन्होंने लोक कल्याण और साधु सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पक्ष भक्ति के माध्यम से साधना का है तो वहीं दूसरा पक्ष भक्ति के माध्यम से लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने उस कालखंड में बाबर के अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। जात-पात और अन्य संकीर्ण विचारों से मुक्त रहकर कार्य करने की प्रेरणा हमें गुरु नानक देव जी से मिलती है।
सिख धर्म साधना के गूढ़ रहस्यों से भरा पड़ा है
CM योगी ने मक्का की घटना का भी जिक्र किया, जब गुरु नानक देव ने एक मौलवी को ‘एक ओमकार’ की सीख दी। उन्होंने कहा कि सिख धर्म साधना के गूढ़ रहस्यों से भरा पड़ा है। इस परंपरा ने आगे चलकर गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, उनके चार साहबजादों और हजारों सिखों द्वारा देश और धर्म के लिए बलिदान का भी जिक्र किया। कहा कि उनका बलिदान देश को एक नई शक्ति और प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खालसा केवल एक पंथ नहीं है, ये देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है। इसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी ताकत को झुकने के लिए मजबूर किया।
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