कानपुर में इंस्पेक्टर की चलती ट्रेन में गोली मारकर हत्या करने के मामले में फर्रुखाबाद के पूर्व बसपा नेता अनुपम दुबे को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। गुरुवार को ADJ कोर्ट ने 27 साल बाद फैसला सुनाते हुए अनुपम दुबे को दोषी करार दिया। इस मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास और एक लाख रुपए के आर्थिक दंड का फैसला सुनाया।
ये भी पढ़ें- वाराणसी: आंध्र प्रदेश के रहने वाले दंपति ने दो बेटों के साथ की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस
डीजीसी क्रिमिनल दिलीप कुमार अवस्थी ने बताया कि 14 मई 1996 को अनवरगंज रेलवे स्टेशन पर एक पैसेंजर ट्रेन में आर्थिक अपराध शाखा में तैनात इंस्पेक्टर राम निवास यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ट्रेन के गार्ड आर के बाजपेई की ओर से फर्रुखाबाद के पूर्व बसपा नेता अनुपम दुबे, उसके चाचा कौशल दुबे और नेम कुमार उर्फ बिलैया के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में तभी से मुकदमा चल रहा था।
ADJ-8 राम अवतार प्रसाद की कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी पूर्व बसपा नेता अनुपम दुबे को दोषी करार दिया। कोर्ट ने अनुपम दुबे को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
बता दें कि केस की सुनवाई के दौरान अनुपम दुबे के चाचा कौशल दुबे और नेम कुमार उर्फ बिलैया की मौत हो गई थी। घटना के प्रत्यक्षदर्शी मुलायम समेत 18 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे, जिन्होंने अनुपम दुबे के खिलाफ बयान दिए थे।
क्या है पूरा मामला ?
इंस्पेक्टर राम निवास यादव की 14 मई 1996 को पैसेंजर ट्रेन में अनवरगंज स्टेशन पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह एक मुकदमे में कोर्ट में गवाही देने के बाद ट्रेन से लौट रहे थे।
गुरुवार को अनुपम दुबे को मथुरा से कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया था। अनुपम दुबे हरदोई के सवायजपुर और फर्रुखाबाद के सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। उन पर वर्तमान में 63 मुकदमे हैं।