लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों को निर्देश देते हुए कहा है कि वे अपने विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं की पाक्षिक समीक्षा करें। उन्होंने कहा है कि कार्य में देरी होने, मासिक टाइमलाइन का पालन ना होने, गुणवत्ता मानक के अनुरूप ना होने पर तत्काल जवाबदेही तय की जाए। इसके अलावा सीएम योगी ने ये भी कहा है कि काम में देरी हो तो फर्म पर पेनॉल्टी लगाई जाए। तीन बार पेनॉल्टी होने पर उस फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिवों व प्रमुख सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रोजेक्ट की समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। हर परियोजना में अनिवार्य रूप से इनका पालन किया जाना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि समयबद्धता और गुणवत्ता का मानक पूरा न करने वाली फर्म पर पेनॉल्टी लगाई जाए। यदि तीन बार पेनॉल्टी लगानी पड़े, तो संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने व्यापक जनहित से सम्बंधित निर्माण परियोजनाओं को तेजी के साथ पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।
CM योगी के प्रमुख दिशा-निर्देश
-चंदौली, बुलन्दशहर, बिजनौर, ललितपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, गोंडा, औरैया, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, कुशीनगर, सुल्तानपुर, सोनभद्र के मेडिकल कॉलेजों में आगामी सत्र से एमबीबीएस में प्रवेश होना है। इन सभी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य को प्रत्येक दशा में जनवरी के अंत तक पूरा करा लिया जाए। हैंडओवर लेने से पूर्व कार्य की गुणवत्ता की सूक्ष्मता से जांच की जाए। इन सभी मेडिकल कॉलेजों का शुभारंभ एक साथ हो, इस लक्ष्य के साथ तेजी से काम पूरा कराएं।
-अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के भवन निर्माण को इसी माह में पूरा करा लें, जबकि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर और अमेठी मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है।
-मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ में अध्ययन-अध्यापन प्रारंभ हो चुका है। आगामी सत्र से यह सभी विश्वविद्यालय अपने परिसर में संचालित हों, इसके लिए इनका निर्माण कार्य आगामी 31 जनवरी तक पूरा करा लिया जाए। फर्नीचर आदि की उपलब्धता समय से करा लें।
-सैनिक स्कूल गोरखपुर का काम जनवरी और यूनानी मेडिकल कॉलेज बरेली के निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए कार्य आगामी फरवरी तक पूरा करा लें। सांस्कृतिक सद्भावना केंद्र रामपुर के निर्माण कार्य की गति अपेक्षानुरूप नहीं है। इसमें तेजी अपेक्षित है।
-निर्माण परियोजनाओं में देरी न केवल लागत में वृद्धि का कारण बनती है, बल्कि लक्षित वर्ग को समय पर लाभ से वंचित भी करती है। मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, कारागार सहित निर्माण कार्य से जुड़ी किसी भी परियोजना का बजट पुनरीक्षण न किया जाए।
-10 जनपदों में प्रस्तावित जिला न्यायालय के निर्माण के लिए भूमि चयन, कंसल्टेंट चयन डीपीआर आदि की प्रक्रिया में विलंब न हो। नियोजन विभाग द्वारा इसे शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।