नए रूप नई सज्जा और नई व्यवस्था के साथ चमकेगा अयोध्या धाम
नयाघाट पर सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर चौक का निर्माण
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार
धर्मपथ सहित 50 बड़ी परियोजनाएं अंतिम चरण में
नव निर्माण कार्यों के साथ ही पुरातन महत्व के मंदिरों का जीर्णोद्धार
धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व वाले क्षेत्रों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण
AYODHYA- शहर में तीर्थाटन के विकास के लिए आवश्यक अवसंरचना के निर्माण के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया भी निरंतर चल रही है। तीर्थक्षेत्र के घाटों और कुंडों के सौंदर्यीकरण के तहत प्रथम चरण में राम की पैड़ी के मुख्य चैनल के नवीनीकरण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही डबल इंजन की सरकार ने वो कर दिखाया है, जो निकट भविष्य में असंभव सा लग रहा था। पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के क्रियान्वयन ने अयोध्या धाम को वैश्विक पटल पर ला दिया है और आज अयोध्या नगरी आध्यात्मिक चेतना जागृति के साथ ही विकास तथा संस्कृति संरक्षण के नए प्रतिमान स्थापित कर रही है।
उल्लेखनीय है प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार, अयोध्या को विजन 2047 के तहत वर्ष 2047 तक आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस क्रम में, अयोध्या के वर्तमान स्वरूप-संरक्षण के साथ ही नए निर्माण कार्यों के जरिए अयोध्या के पुरातन वैभव व गौरव को पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसी का परिणाम है कि फिलहाल अयोध्या के नव्य-भव्य स्वरूप को मूर्त रूप देने के लिए 4115 करोड़ रुपये की कुल लागत से 50 बड़ी परियोजनाओं को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी आगामी 30 दिसंबर को अयोध्या का दौरा कर इनमें से कई परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
कुल मिलाकर बड़ी परियोजनाओं को 3 चरणों में विभाजित किया गया है जिसमें से पहले चरण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। जबकि द्वितीय और अंतिम चरण का कार्य नए वर्ष में क्रियान्वित किया जाएगा। कहना आवश्यक है कि, विगत 5 वर्षों से अयोध्या के सर्वांगीण विकास के प्रति मुख्यमंत्री योगी की प्रतिबद्धता नयाघाट स्थित लता मंगेशकर चौक के रूप में पहले ही जनता के सामने है, वहीं अयोध्या धाम स्टेशन की प्रथम चरण की विकास प्रक्रिया सहित कुल 50 बड़ी परियोजनाएं बनकर तैयार हैं और अयोध्या में विकास की बयार की साक्षी बन रही हैं।
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से लेकर राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सभी अयोध्या की विकास गाथा सुना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री योगी के क्रियान्वयन का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की हृदयस्थली अयोध्या या कहें कि सम्पूर्ण अवध क्षेत्र में विकास का एक नया मॉडल प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिल रहा है। 1463 करोड़ रुपये की लागत से बना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और 241 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को जो रूप दिया गया है वो अकल्पनीय है। प्रथम चरण के विकास कार्य उन प्रमुख परियोजनाओं के अंग हैं, जिनका लोकार्पण पीएम मोदी द्वारा 30 दिसंबर को अयोध्या दौरे के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा।
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इसके अलावा, सआदतगंज से नयाघाट तक स्पाइन रोड को 844.93 करोड़ रुपए की लागत से राम पथ के रूप में विकसित किया गया है। इसी प्रकार, राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य को 245.64 करोड़, शिरोपरि लाइनों को भूमिगत किए जाने के लिए 167 करोड़, नयाघाट पर लता मंगेशकर चौक के विकास के लिए 75.26 करोड़, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए 74.24 करोड़ तथा भक्ति पथ के निर्माण को 68.04 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है। इन सभी प्रमुख परियोजनाओं के विकास ने अयोध्या में नागरिक व सामुदायिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
धर्म पथ, राम की पैड़ी समेत तमाम परियोजनाओं के जरिए सुनिश्चित हुआ समग्र विकास
श्रीराम नगरी अयोध्या में केंद्र व राज्य सरकार ने विकास की परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने पर कितना ध्यान केंद्रित किया है, यह शहर में अबाध गति से चल रहे विकास कार्यों को देखकर स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है। बात चाहे एनएच-27 से नयाघाट पुराने पुल तक 65.40 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए गए धर्म पथ की हो, या फिर 56 करोड़ रुपये की लागत से राम की पैड़ी के मुख्य चैनल की रीमॉडलिंग पुनःरीक्षण परियोजना हो या फिर त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत 47.86 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों व नालियों का नव-निर्माण हो, अयोध्या में विकास की परियोजनाएं शहर के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।
तीर्थाटन व पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ ही पुरातन विरासत संरक्षण को भी मिला प्रश्रय
अयोध्या में एनएच-27 बाईपास महोबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार राम जन्मभूमि तक 44.98 करोड़ की लागत से फोरलेन मार्ग का निर्माण भी पूर्ण हो गया है। इसके अतिरिक्त, 42.75 करोड़ रुपये की लागत से व्यावसायिक संकुल का निर्माण, गुप्तार घाट से जमथरा घाट तक 39.63 करोड़ रुपये से 1.150 किमी तक तटबंध निर्माण, 37.10 करोड़ रुपये की लागत से गुप्तार घाट के विकास, राम की पैड़ी पर 24.81 करोड़ रुपये की लागत से पंप हाउस का रीकंस्ट्रक्शन, 37.08 करोड़ रुपये की लागत से लक्ष्मण कुंज स्मार्ट वाहन पार्किंग, 14.87 करोड़ रुपये की लागत से सूर्य कुंड में जन सुविधाओं के विकास कार्य पर शहर में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए तमाम सहूलियतों का विकास किया गया है।
साथ ही, स्वर्णखनी कुंड में पर्यटन विकास, म्यूरल आर्ट पेंटिंग कार्य, हनुमान कुंड में पर्यटन विकास, गणेशकुंड पर पर्यटन विकास, यात्री निवास का उच्चीकरण, राम कथा पार्क का विस्तारीकरण, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, जानकी मंदिर आदि स्थानों पर फसाड लाइट लगाने व मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत करोड़ों खर्च कर विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।
आने वाले समय में अयोध्या धाम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली के साथ साथ प्रदेश ही नहीं देश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में जाना जाएगा। देश के साथ साथ विदेशों से भी सनातन धर्म को मानने वाले बड़ी संख्या में श्रीराम लला के दर्शन करने अयोध्या आएंगे और एक अत्यंत पावन धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव के साथ वापस जाएंगे।