वर्ष 2023 में लगभग 15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का हुआ पंजीकरण
वर्ष 2022 में 10 लाख से थोड़ी अधिक थी पंजीकृत वाहनों की संख्या
नई दिल्ली- सब्सिडी में कटौती और नियामकीय बदलावों के बावजूद इस साल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री में अब तक 45 प्रतिशत से अधिक की बम्पर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण की कुल संख्या 15 लाख से कुछ ही कम है, जो पिछले साल की संख्या से काफी अधिक है। पिछले साल यह संख्या 10 लाख से थोड़ी अधिक थी। अब देश भर में कुल पंजीकृत वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 6.3 प्रतिशत हो गई है, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या 4.8 प्रतिशत थी। इस वर्ष दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी में कटौती की गई थी। यह ऐसी श्रेणी है, जिसकी कुल ईवी बिक्री में तकरीबन 55 फीसदी हिस्सेदारी है।
उद्योग जगत के विशेषज्ञ इस साल की बिक्री वृद्धि का श्रेय पर्यावरण के लिए अनुकूल वाहनों के प्रति उपभोक्ताओं की रुचि में बदलाव को देते हैं। यह रुझान दोपहिया और तिपहिया श्रेणी में स्टार्टअप कंपनियों द्वारा उत्पाद पेश करने की बाढ़ के साथ-साथ चौपहिया श्रेणी में वाहनों की बढ़ती उपलब्धता से भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रोत्साहनों ने भी इस वृद्धि को आगे बढ़ाने में खासी भूमिका निभाई है। एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस के विशेषज्ञ (केस ऐंड अल्टरनेट पावरट्रेंस) प्रीतेश सिंह ने कहा कि ई-दोपहिया और ई-तिपहिया श्रेणियों में ग्राहकों का विश्वास न केवल स्टार्टअप द्वारा, बल्कि तेल-गैस इंजन क्षेत्र में नए उत्पाद पेश करने वाली स्थापित कंपनियों द्वारा भी बढ़ा है। सरकारी सब्सिडी, बेहतर वित्तीय सहायता के विकल्प और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं में वृद्धि ने उद्योग के विस्तार को और भी सरल एवं रुचिकर बना दिया है।
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ई-तिपहिया श्रेणी बाजार में पैठ के मामले में सबसे आगे है और पिछले साल के 51 प्रतिशत से बढ़कर 53 फीसदी का आंकड़ा पार कर गई है। ई-तिपहिया निर्माता लोहिया ऑटो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष लोहिया ने कहा कि बताया कि 2023 में ईवी बाजार, खास तौर पर तिपहिया श्रेणी विचार से व्यावहारिकता में परिवर्तित हो गई है। दूरी की चिंता और सीमित विकल्पों जैसी पिछली चुनौतियों पर काबू पाने के बाद इस क्षेत्र ने मांग में इजाफे का अनुभव किया है। हालांकि सभी श्रेणियों में यात्री कारों की खरीद सबसे कम रही है, लेकिन इस वर्ष यात्री कारों की खरीद दोगुनी होकर दो प्रतिशत हो गई है।
दोपहिया वाहनों की श्रेणी में यह पैठ पिछले वर्ष के 3 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई है। दूसरी तरफ बस श्रेणी में यह खरीद पिछले वर्ष की तुलना में घट गई है। पिछले वर्ष जहां 4.6 फीसदी बसों की खरीद की गई वहीं इस वर्ष इस श्रेणी की पैठ 3.3 प्रतिशत रही। उद्योग जगत के जानकारों का मानना है कि अगर सरकार ने ई-दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी कम नहीं की होती, तो इस साल ईवी की बिक्री 20 लाख के आंकड़े तक पहुंच सकती थी। सब्सिडी कटौती ने उद्योग को कम से कम एक साल पीछे कर दिया है।