Lucknow:- उत्तर प्रदेश में छुट्टा जानवरों को लेकर योगी सरकार लगातार कई तरह की
कवायद करती चली आ रही है। छुट्टा गोवंशों के संरक्षण के लिए सैकड़ों स्थाई और
अस्थाई गौ-आश्रय बनाए गए हैं। जिनमें इधर-उधर घूम रहे लाखों छुट्टा गोवंशों को रखा
गया है। इसके लिए बीते साल 1 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक लगातार अभियान चलाया था। आज बुद्धवार
को इस अभियान का विस्तार करते पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि इस अभियान को 15 जनवरी तक के लिए
बढ़ा दिया गया है।
पशुधन मंत्री
धर्मपाल सिंह ने कहा की पशुपालकों द्वारा नर-गोवंशों का कृषि कार्य में उपयोग न
होने पर उनको बेसहारा छोड़ दिया जाता है। इसी तरह जो गाय दूध नहीं देती हैं व
गर्भधारण नहीं कर पाती हैं, ऐसे गोवंशों को बेसहारा छोड़ दिया जाता है। 2 महीनें
अभियान चलने के बाद अभी भी बेसहारा गोवंश सड़को तथा खेतों में दिखाई दे रहे है।
इसलिए शेष बचे निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के लिए अभियान की अवधि बढ़ाई जा
रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अपर मुख्य
सचिव पशुधन डॉक्टर रजनीश दुबे द्वारा पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
BUSINESS NEWS: डीजल और कच्चे तेल पर सरकार ने बढ़ाया WINDFALL TAX, आज से लागू होंगी नई दरें
धर्मपाल सिंह
ने बताया कि गो-संरक्षण केन्द्रों, गो-आश्रय स्थलों के निर्माण एवं गो-आश्रय
स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य तीव्र गति से किया गया है। सभी आवश्यक व्यवस्थायें
भी सुनिश्चित की जा रही हैं। संरक्षित किये जाने वाले छुट्टा जानवरों की देखभाल के
लिए उनके चारे, भूसे, टीनशेड, पेयजल, विद्युत
आपूर्ति, उपचार एवं ठंड से बचाव आदि की समुचित
इंतजाम भी किए जा रहे हैं। गो-संरक्षण अभियान में गृह विभाग, राजस्व, पंचायती राज, ग्राम्य विकास
एवं नगर विकास के सहयोग से कार्य किया जा रहा है। पशुधन मंत्री ने किसानों एवं
पशुपालकों से पुनः अपील करते हुए कहा है कि कृषि कार्य में उपयोगी न होने एवं दूध
न देने वाले गौवंशों को निराश्रित न छोड़े।