Ayodhya:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय ने पत्र लिखकर अयोध्या के श्री
धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर का जीर्णोद्धार कराये जाने की मांग की है। बता
दें कि अयोध्या में
श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर है। यह मंदिर तुलसी उधान से
लगभग 500 मीटर की
दूरी पर है। यह मंदिर कायस्थों के चारों धामों में दूसरे स्थान का महत्व रखता है।
पूरी दुनिया से चित्रगुप्त के वंशज यहां दर्शन-पूजन करने और अपनी कामना की पूर्ति के लिए आते हैं।
कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष दिनेश खरे ने
बताया कि यह अतिविशिष्ट धाम अपने ही विकास की राह देख रहा है। एक तरफ पूरी अयोध्या
में चहुंओर विकास की गंगा बह रही है, तो वहीं दूसरी ओर अयोध्या के कटरा में यह
चित्रगुप्त धाम जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं और विकास की राह देख रहा है। इसके विकास
की मांग अब कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय ने उठाई है।
यूपी के सुलतानपुर में भीषण सड़क हादसा, जंगली जानवर से टकराकर मां-बेटे समेत तीन की मौत, पांच घायल
दिनेश खरे का कहना है कि पूरी अयोध्या में विकास की
गंगा बह रही है। ऐसे में श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर का भी जीर्णोद्बार होना
चाहिए। पूरी दुनिया से चित्रगुप्त के वंशज यहां दर्शन-पूजन एवं अपनी कामना की
पूर्ति के लिए आते हैं। आज की तारीख में यह मंदिर सरकार की ओर देख रहा है। जब
भगवान राम त्रेतायुग में आये थे, तो उन्होंने यह मंदिर अपने हाथों से बनवाया था।
आज जब एक बार फिर तकरीबन 500 सालों बाद रामलला को अपना
घर मिल रहा है, तो उन्हीं के बनाये इस मंदिर पर भी उनके लोगों के द्वारा उसी तरह फिर
से विकास कराया जाना चाहिए। ताकि चित्रगुप्त भी उनके इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम
में पहुंचे। कहीं ऐसा न हो कि उनके प्राण-प्रतिष्ठा में सारे लोग आयें और फिर
चित्रगुप्त न आयें तो बड़ी मुसीबत होगी।
कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के मीडिया
प्रभारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थ जागरण संस्थान भारत, अखिल भारतीय
चित्रांश महासभा, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं अन्य कायस्थ संस्थाओं ने भी एक
स्वर से मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग उठायी है।