जौनपुर: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश राय की अदालत ने बुधवार को श्रमजीवी विस्फोट कांड के दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही एक पर 10 लाख 70 हजार व दूसरे दोषी पर 10 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बता दें कि कोर्ट ने दोनों दोषी हिलालुद्दीन व नफीकुल को न्यायालय ने पहले ही दोषी करार दिया था। जिसके बाद बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
इस मामले में बात करते हुए सरकारी अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप मौर्य ने बताया कि 28 जुलाई 2005 को जौनपुर के सिंगरामऊ स्थित हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 14 लोग मरे गए थे, जबकि 62 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर एवं षड्यंत्र करने वाले आतंकी ओबैदुर्रहमान को वर्ष 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है, जो विचाराधीन है। बाकी दोषी हिलालुद्दीन व नफीकुल को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
हिलाल पर ट्रेन में बम रखने तथा नफीकुल पर विस्फोट कांड में सहयोग का आरोप है। इस ऐतिहासिक फैसले को देखते हुए पूरे न्यायालय परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स भी तैनात रही। फैसले के बाद दोनों दोषियों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।
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न्यायालय द्वारा दोनों दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाने के बाद पीड़ित परिजनों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। इस घटना में अपनों को गंवाने वाले लोगों का कहना है कि न्यायालय ने जो निर्णय सुनाया है, वह सराहनीय है। सभी को न्यायालय से न्याय की पूरी आशा थी। साथ ही यह ऐतिहासिक निर्णय पूरे जिले व प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।