अयोध्या (हि.स.): राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर योगी सरकार बड़े तैयारी कर रही है। अब योगी सरकार ने भगवान श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक की समृद्ध परंपरा को और निखारकर पूरे प्रदेश को राममय करेगी। इसी क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच पर रामायण से जुड़े प्रसंगों का भी मंचन होगा।
अयोध्या के प्रमुख चौराहों पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
इसको लेकर योगी सरकार प्रतिदिन उत्तर प्रदेश समेत देश के नामचीन एवं नवोदित 500 प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराएगी। साथ ही रामनगरी 25 पौराणिक स्थलों-चौराहों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे। योगी सरकार का प्रयास है कि अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित मंच भी बने, जिससे नई पीढ़ी भी श्रीराम की सदाशयता से अवगत हो।
योगी सरकार श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर राम की पैड़ी पर पुरुषोत्तम मंच, भजन संध्या स्थल पर सरयू मंच, सांस्कृतिक संकुल प्रेक्षागृह में भरत मंच, रामकथा पार्क में कागभुशुन्डि मंच, तुलसी उद्यान में तुलसी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुर सरिता बहाने का निर्णय लिया है।
योगी सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को राममय करेगी
उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर संतों द्वारा रामकथा, अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय रामलीलाओं का मंचन, रामायण परंपरा पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां, शास्त्रीय-उप शास्त्रीय, लोकगायन-वादन व नृत्य की प्रस्तुतियां, रंगोली-चित्रकला, रामायण पर आधारित क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन कराएगी। लोक में राम पर आधारित नाट्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देगी। इसका उद्देश्य पूरे उप्र को राममय करना है।
अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में 14 जनवरी से होगा रामचरित मानस का पाठ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को रामायण, कीर्तन, रामचरित मानस के आयोजन कराने के निर्देश दिए थे। अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा, वाल्मीकि मंदिर नया पुरवा, वेद मंदिर, मौनी बाबा मंदिर, जानकी महल, रामजानकी मंदिर, भरत कुंड, जालपा मां मंदिर, गुप्तार घाट, रामानंद आश्रम निकट छोटी छावनी, वाल्मीकि भवन, सूर्यकुंड समेत कई स्थानों पर 14 जनवरी से 24 मार्च तक भजन-कीर्तन, रामायण-रामचरित मानस पाठ, सुंदरकांड आदि कार्यक्रम के आयोजन पर भी जोर है।