लखनऊ: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के आदेशों के बाद भी हाइवे पर 60 किलोमीटर के अंदर दो टोल टैक्स गेट संचालित हो रहे हैं। नितिन गडकरी ने इसको लेकर 22 मार्च 2022 को लोकसभा में दिए गए अपने भाषण में कहा था कि 3 महीनों के अंदर 60 किलोमीटर के भीतर संचालित दो टोल टैक्स में से एक को बंद कर दिया जाएगा। आदेश के लगभग दो साल होने को हैं लेकिन सड़क परिवहन मंत्री के आदेश का प्रभाव धरातल पर नहीं दिख रहा।
आज भी हाईवे पर आप को कई ऐसे टोल टैक्स देखने को मिल जाएंगे, जो 60 किलोमीटर के अंदर दो संचालित हो रहे हैं। जिसके चलते वाहन स्वामियों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के आदेशों का पालन सही तरीके से हो तो उनकी समस्या कुछ कम हो सकती हैं। क्योंकि 60 किलोमीटर के ही अंदर दो टोल टैक्स होने से उन्हें दो बार टैक्स देना पड़ता है। जिससे ईंधन और टैक्स का खर्च काफी अधिक हो जाता है।
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टोल गेट को लेकर एनएचएआई ने क्या बनाए हैं नियम
एनएचआई द्वारा 2021 में साझा की गई जानकारी के अनुसार किसी भी हाईवे पर 2 टोल प्लाजा के मध्य दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए। यही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के फी रूल 2008 में भी लिखा गया है। साथ ही विशेष परिस्थितियों में वाहन चालक बगैर टोल टैक्स दिए निकल सकता है। एनएचएआई के अनुसार,अगर टोल बूथ पर वाहनों की लाइन 100 मीटर तक लंबी है तो गाड़ियों को वहां से बगैर भुगतान के निकाला जाए। एनएचएआई ने यह भी नियम बनाया है कि टोल लेने के लिए 10 सेकेंड का नियम बनाया गया है।