Uttar Pradesh Politics- बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर लगातार फिर
निशाना साधा है। दूसरे दिन उन्होंने 28 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र
किया। कहा कि सपा के 2 जून 1995 के घिनौने कृत्यों को कोई भूला नहीं है। उन्होंने योगी
सरकार से मौजूदा बसपा ऑफिस को दूसरे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का आग्रह किया।
मायावती के हमले से आहत होकर सोमवार को सपा महानगर अध्यक्षों
के साथ बैठक के बीच अखिलेश ने मायावती को सलाद दी और उन्होंने कहा BJP वालों से कह दें, उनके पास बुलडोजर
है। वह 2 मिनट में पुल तोड़ देंगे। जब यह पुल बना था, तब उस समय पूर्व मुख्यमंत्री
एनडी तिवारी भी उद्घाटन में आए थे। तो क्या उनके खिलाफ भी उन्होंने यह बात कही है।
उधर, मायावती की इस पोस्ट के 2 घंटे बाद उनके भतीजे
और उत्तराधिकारी आकाश आनंद भी अखिलेश यादव पर हमलावार हो गए, उन्होंने X पर लिखा- चढ़ गुंडों की छाती पर बटन दबेगा हाथी पर। इससे पहले, रविवार को भी मायावती ने अखिलेश को गिरेबान में झांकने की
नसीहत दी थी। मायावती के इस बयान पर जब अखिलेश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा-
नो कमेंट, 100 दिन बचे हैं… BJP जाएगी।
मायावती बोलीं- सुरक्षा के चलते पार्टी की बैठक अपने आवास पर
करती हैं
मायावती ने लिखा- सपा अति पिछड़ों के साथ-साथ दलित विरोधी है।
चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा फिर से अपने दलित विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई।
उन्होंने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि सपा के 2 जून 1995 के घिनौने
कृत्यों को कोई भूला नहीं है। इनकी सरकार में कई दलित विरोधी फैसले लिए गए। मायावती
ने आगे लिखा- उनकी सरकारों (सपा) में बसपा के स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का
काम किया। जहां से अराजक तत्व पार्टी दफ्तर और कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को
हानि तक पहुंचा सकते हैं। इस वजह से पार्टी के महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से
हटाकर निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।
मायावती ने कहा कि सिर्फ यही नहीं, सुरक्षा के चलते ही वह ज्यादातर पार्टी की बैठक अपने आवास पर
करती हैं। उन्होंने मौजूदा यूपी सरकार से बसपा के प्रदेश कार्यालय को दूसरे
सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का अनुरोध किया।
बसपा कार्यालय पर हो सकती है अनहोनी
मायावती ने यूपी सरकार से मांग की है कि वह दलित विरोधी
तत्वों से सख्ती से निपटे। उनके बसपा कार्यालय में जाने पर अतिरिक्त सुरक्षा करनी
पड़ती है। बसपा कार्यालय पर कोई अनहोनी भी हो सकती है। सपा सरकार के दौरान कई दलित
विरोधी फैसले किए गए। इनको ध्यान में रखते हुए अराजक तत्व कर्मचारियों और पार्टी
प्रमुख को हानि पहुंचा सकते हैं।
मायावती ने अखिलेश को एक दिन पहले दी थी नसीहत
मायावती ने रविवार को भी अखिलेश पर निशाना साधा था। उन्होंने
सपा सुप्रीमो को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी थी। मायावती ने लिखा था, “अखिलेश को बसपा पर अनर्गल तंज कंसने से पहले अपने
गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने
और भाजपा से मेलजोल करने में कितना दागदार है।”
अखिलेश INDIA गठबंधन पर बोले थे कि मायावती की गारंटी कौन लेगा?
दरअसल,
अखिलेश शनिवार को
बलिया स्थित पार्टी कार्यालय पर अधिवक्ता सम्मेलन में थे। मीडिया के एक सवाल INDIA गठबंधन में मायावती
जुड़ती हैं तो क्या गठबंधन को फायदा होगा? इस पर उन्होंने कहा था कि चुनाव बाद की गारंटी
कौन लेगा?
यानी बाद में
मायावती किस पार्टी के साथ चली जाएं, इसकी गारंटी कौन लेगा। यही
बात मायावती को चुभ गई। क्योंकि, कहीं न कहीं इसके जरिए पार्टी की विश्वसनीयता पर
सवाल खड़े किए गए।