Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में 60 हजार पदों पर कांस्टेबल भर्ती की जानी है। पुलिस भर्ती प्रकिया में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने की मांग भी बढ़ गई है। ऐसे में
तहसीलों में अवैध वसूली का खेल शुरू हो चुका है। तहसीलों में बैठे कर्मचारी भर्ती
प्रकिया में आवेदन करने वाले हर अभ्यर्थी से एक ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए 2500 से 3000 रुपये वसूल रहे
हैं। रुपए न देने वालों से तहसील के चक्कर लगवाए
जा रहे हैं। वसूली की शिकायतों को योगी सरकार ने
गंभीरता से लिया है। अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर कहा
है, कि अगर वसूली की शिकायत आती है, तो उसकी जांच करके जिम्मेदार अधिकारियों
और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश में इन दिनों पुलिस भर्ती चल रही है। इसके लिए आवेदकों को ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाने जरूरी हैं। ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाने के लिए
तहसीलों में भीड़ जुट रही है। एक ईडब्ल्यूएस
प्रमाण पत्र बनाने के लिए 2500 से 3000 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। यह भी शिकायतें आ रही थीं, कि प्रमाणपत्र बनाने के लिए दलालों का गिरोह
सक्रिय हो गया है। इन
शिकायतों को संज्ञान में लेकर ही सुधीर गर्ग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि आवेदकों को ईडब्ल्यूएस सहित अन्य प्रमाण-पत्रों को बनवाने में कठिनाई नही होनी चाहिए, अगर ऐसा पाया जाता है, तो ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी
कार्रवाई की जाएगी।
सुधीर गर्ग ने अपने निर्देश में कहा है कि
तहसीलों में लेखपालों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। तहसीलों के बाहर फोन नंबर भी चस्पा किए
जाएं। अभ्यार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो। साथ ही प्रमाण-पत्र बनवाने में आ
रही कठिनाइयों को देखते हुए हर तहसील में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। वह
कठिनाइयों को दूर करने के साथ ही शिकायतों की भी सुनवाई करें। उन्होंने कहा है कि वसूली की
शिकायत आती है, तो उसकी जांच करके जिम्मेदार अफसर और कर्मचारियों पर सख्त
कार्रवाई की जाए। प्रदेश में यूपी पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को आम चुनाव से पहले
बेहतर ढंग से पूरा कराने की योजना पर काम चल रहा है।