Uttar Pradesh – अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर
देश और दुनिया के हिंदु भक्त प्रतिक्षा कर रहे हैं। प्रभु श्री राम के भव्य दर्शन करने की श्रृद्धालुओं में विकट लालसा बढ़ती
जा रही है। इस विशेष अवसर के पूर्व से ही देश भर की मंदिरों में पूजा-अनुष्ठान किए
जा रहे हैं। वहीं अयोध्या के रामकोट स्थित रामनिवास मंदिर में विगत एक वर्ष
से राम मंदिर निर्माण में आने वाली विघ्न बाधा निवारण के लिए सर्वदेव अनुष्ठान चल
रहा है। यह अनुष्ठान बसंत पंचमी के अवसर पर 26 जनवरी 2023 को शुरू हुआ था। तब से ये
अनुष्ठान निरंतर किया जा रहा है।
इस अनुष्ठान में विशेष बात यह है कि हर सप्ताह अयोध्या क्षेत्र
के 10 ब्राह्मणों की एक नई टीम अनुष्ठान करने आती है। फिर अगले सप्ताह के अनुष्ठान
के लिए 10 ब्राह्मणों की दूसरी नई टीम आती है। यह क्रम निरंतर चलता है। ब्राह्मणों के
विश्राम व भोजन की व्यवस्था मंदिर परिसर में ही की गई है। इसके अलावा प्रत्येक दिन
कोई ना कोई यजमान रहता है, जो पूजा संपन्न करवाता है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी
अध्यक्ष आलोक कुमार भी अभी हाल ही में एक दिन यजमान बने थे।
अनुष्ठान के प्रभारी आचार्य गोपाल पांडेय ने बताया कि श्रीराम
जन्मभूमि पर शीघ्र ही रामलला के भव्य एवं दिव्य दर्शन होंगे। निर्माण में किसी
प्रकार की अड़चन न आए,
निर्माण
कार्य में लगे सभी मजदूर एवं कारीगरों के घर-परिवार में किसी प्रकार का अनिष्ट ना
हो, इस
उद्देश्य से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सर्वदेव अनुष्ठान
कराया जा रहा है। आचार्य गोपाल पांडेय ने बताया कि सर्वदेव अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह
08 बजे से प्रारंभ होकर 10 बजे तक किया जाता है।
इसके बाद सूर्यास्त तक अखंड राम
नाम संकीर्तन होता है। फिर पंचायतन पद्धति से देवी-देवता का पूजन व अभिषेक होता
है। पूजन व अभिषेक करने के बाद में नवग्रह हवन,
अष्टोत्तर
राम नाम हवन फिर आरती होती है। सप्ताह के सातों दिन की अलग-अलग अनुष्ठान विधि भी
तय है। उसी के अनुसार प्रत्येक दिन पूजा संपन्न होती है।