इस साल मकर संक्रांति का त्योहार देशभर में 15 जनवरी की सोमवार को मनाया जा रहा है। ये त्योहार हिंदूओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। हर कोइ इसे अपने-अपने तरीके से मनाता है। यहां तक कि इसे कई नामों से भी जाना जाता है। बिहार उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी के नाम से जानते है, तो दक्षिण भारत में ये पोंगल के नाम से प्रसिद्ध है।
आज हर कोई मकर संक्रांति के त्योहार को अपने-अपने तरीके से मना रहा है। कहा जाता है कि इस दिन भगवना सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी वजह से इस त्योहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान करना और जप-तप करने की परंपरा है, साथ ही कई तरह के पकवान, तिल के लड्डू, मुरमुरे के लड्डू, पूरन पोली और खिचड़ी बनाने का विधान है, अगर ये न बने तो इस मिठास भरे त्योहार का रंग फिका सा लगता है। तो चलिए हम आपको कुछ खास व्यंजनों का महत्व बताते है।
तिल के लड्डू
मकर संक्रांति के त्योहार पर तिल का लड्डू बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। ये खाने में जितने ही स्वादिष्ट होते हैं उतने ही बनाने में आसान। सबसे पहले तिल को भून कर अलग रख लें, फिर कढ़ाई में गुड़ को गर्म कर लें, और भूना हुआ तिल इस गुड़ में मिलाकर इसे लड्डू बना लें। ध्यान रखें कि गुड़ ठंडा न हो पाए।
गजक
गजक यानी की गुड़ की पट्टी जो मकर संक्रांति की सबसे लाजवाब डिश है। सर्दियों में गुड़ और मूंगफली की पट्टी खाना तो हर किसी का पसंदीदा व्यंजन हैं। चिक्की या गुड़ की पट्टी इन्हीं से बनाई जाती है, इसे बनाने के लिए गुड़ को पिघला लें, जिसके बाद उसमें भूना हुआ मूंगफली का दाना डालकर ठंडा होने के लिए रख दें। अब आपके गुड़ की पट्टी बनकर तैयार हो गई।
मुरमुरे के लड्डू
मकर संक्रांति के दिन उत्तर भारत में मुरमुरे के लड्डू खाने की एक बड़ी परंपरा है। ये लड्डू खाने में बडे ही मीठे और कुरकुरे होते हैं। इसे बनाने के लिए गुड़ को गर्म कर के पिघला लें, फिर मुरमुरे को उसमें डालकर लड्डू बना लें।
पूरन पोली
महाराष्ट्र में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े ही अनोखे तरह से मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरन पोली बनाने की एक बड़ी परंपरा मानी जाती है। पूरन पोली दिखने में रोटी जैसी होती है, जिसमें मूंग भर कर तवे पर सेका जाता है, मीठा होने के कारण ये लोगों को खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट लगता है।
खिचड़ी
उत्तर भारत में खासकर, बिहार और उत्तर-प्रेदश मे मकर संक्रांति का त्योहार खिचड़ी के बिना अधूरा होता है। इसलिए इन जगहों पर इसे खिचड़ी के नाम से जाना जता है और आज के दिन खिचड़ी खाने की भी एक बड़ा ही महत्व होता है। इसे बनाना बेहद आसान है, क्योंकि इसमें आप सभी प्रकार की सब्जियां डालकर इसे पका लें, फिर घी और पापड़ के साथ इसे गर्मागर्म परोसे।
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