New Delhi: अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच केंद्र सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) में फिर कटौती की है। विंडफॉल टैक्स में 600 रुपये प्रति टन की कटौती की गई है। वहीं, डीजल, पेट्रोल और विमान टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को शून्य रखा गया है। नई दरें मंगलवार यानि आज से लागू हो गईं।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, देश में उत्पादित क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स 600 रुपये प्रति टन की कटौती की गई है। इस कटौती के बाद अब घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 2,300 रुपये प्रति टन से घटकर 1,700 रुपये प्रति टन हो गया है। इससे पहले 2 जनवरी को घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 1,300 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया था। इसके अलावा डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को शून्य पर बरकरार रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहली बार एक जुलाई, 2022 को देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। सरकार हर 15 दिन पर पिछले दो हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर घरेलू कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स की दर को तय करती है।
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इससे पहले सरकार ने 19 दिसंबर 2023 को विंडफॉल टैक्स में एक बड़ी कटौती की थी। उस समय विंडफॉल 5000 रुपए प्रति टन से घटाकर 1300 रुपए प्रति टन कर दिया गया था। इसके बाद पाक्षिक समीक्षा में 2 जनवरी को इसे बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया था।
क्या होता है विंडफॉल (Windfall Tax) टैक्स
कच्चे तेल के बढ़ते भाव के जवाब में भारत ने सबसे पहले जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया था। यह कर सरकार तब लगाती है जब कोई उद्योग अप्रत्याशित रूप से पर्याप्त लाभ कमाता है, जिसका श्रेय आमतौर पर किसी अभूतपूर्व घटना को दिया जाता है। जब ग्लोबल बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाती हैं तो घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है। डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात के लिए, लेवी तब लागू होती है जब मार्जिन 20 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाता है।
Windfall tax on crude oil reduced by Rs 600 per tonne