Uttar Pradesh News- युगों-युगों बाद… श्रीराम जन्मभूमि
अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर के स्वर्णिम गर्भगृह में जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा
होगी, तो संपूर्ण सनातन व मानव समाज अविस्मरणीय पल का साक्षी बनेगा। इस समय अयोध्या
उत्सव का वातावरण तो ऐसा है जैसे रामराज्य आ गया हो, ऐसे में जूना अखाड़े के महंत डा. योगानंद
गिरि ने कहा कि हमें अपने आप को भी श्रीराम की तरह आदर्शमय चरित्र में ढालना होगा।
सनातन धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए हम सबका मर्यादा में रहना अति आवश्यक है।
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जूना अखाड़े के महंत डा. योगानंद गिरि ने
कहा कि वर्तमान में भारतवर्ष में रामराज्य की स्थापना की चर्चा होती रहती है, परंतु रामराज्य
स्थापित करने के लिए हमें अपने आप को भी श्रीराम की तरह आदर्शमय चरित्र में ढालना
होगा। हमें आपसी कटुता, वैमनस्यता को त्यागना होगा। हमें आपसी प्रेम, सामंजस्य व
विनम्रता के साथ अपने अलावा दूसरों के भले की भी सोच रखनी होगी। जब हम यह
सकारात्मक सोच अपना लेंगे, तो हमारे जीवन में रामराज्य अपने आप ही आ जाएगा और तब देश
में भी रामराज्य की स्थापना हो जाएगी।
22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने वाली
है। इस दिन होने वाले रामोत्सव की तैयारियों को लेकर वृहद स्तर पर काम किया जा रहा
है। देश और दुनिया 22 जनवरी के दिन की प्रतीक्षा कर रही है। सोशल मीडिया से लेकर गली
और नुक्कड़ों में केवल जय श्रीराम के नारे और उनसे जुड़ी बातें ही सुनाई दे रही हैं।
इतिहास में यह दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
आस्था के समुद्र में डूबा भारत देश
आस्था के समुद्र में डूबा भारत देश 22
जनवरी के दिन के इंतजार में अपनी पलकों को इस कदर बिछाए बैठा है, जैसे सदियों से
प्रभु श्रीराम का इंतजार करने वाली शबरी ने किया, शबरी ने अंतिम समय में
प्रभु श्रीराम के दर्शन कर के मोक्ष प्राप्त किया था। ऐसा ही इंतजार देश के लाखों
कारसेवक और करोड़ों रामभक्त भी कर रहे हैं,
जिन्होंने प्रारंभ से लेकर आज तक प्रभु को उनके घर पर आसीन
करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। अब उनका इंतजार खत्म हो रहा है और शेष चार
दिन के बाद मर्यादा के शिरोमणि प्रभु श्रीराम अयोध्या में आ रहे हैं। आखों में आशा
के दीप जलाए लाखों कारसेवक उनके स्वागत में अयोध्या को इस कदर सजाने में लगे हैं,
मानो उस दिन दीपावली का पर्व हो।