यूथ फाउंडेशन एनजीओ के अध्यक्ष संकल्प एम रस्तोगी और एमिटी विश्वविद्यालय के छात्र उत्कर्ष मिश्रा ने 55 से अधिक नए नेबुला की खोज की है। जिसके चलते उन्हें एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। इसकी खासियत है कि उन्होंने इस खोज को राम नेबुला नाम दिया है, जो कैसिओपिया तारामंडल में स्थित है। बता दें कि ये खोज वरिष्ठ वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में की गई है। जिसके बारे में उन्होंने बताया कि राम नेबुला की खोज कोई मामूली नहीं, बल्कि आने वाले समय में नए विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में कुछ बेहतर करने का मौका देगी। तो वहीं राम नेबुला का प्रयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए भी किया जाएगा।
वरिष्ठ वैज्ञानिक सुमित ने संकल्प और छात्र उत्कर्ष की कामयाबी पर गौर किया, और कहा कि इन दोनों ने नेबुला के साथ क्षुद्रग्रह, सुपरनोवा और एक्सो ग्रहों की भी खोज कर बड़ा मुकाम हासिल किया है। इन उभरते हुए खगोलविदों पर इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला को बेहद गर्व है। क्योंकि ये दोनों खगोलीय वस्तुओं को देखने और उनकी जानकारी को लेकर काफी उत्सुक थे, जिसके चलते वो कुछ साल पहले ही इंदिरा गांधी तारामंडल के सदस्य बने और 2020 में लॉकडाउन के समय इन्होंने सोशल मीडिया की मदद से खगोलीय के बारे में जानकारी प्राप्त की। फिर क्या, ब्रहृाांड में नए नेबुला के डेटा पर काम करने के लिए एक टीम भी तैयार की, ये टीम इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला, लखनऊ के निदेशक अनिल यादव के निर्देशन में बनाई गई।
वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि ये दोनों युवा खगोलविदों की प्रसिद्ध नेबुला खोज तारामंडल मोनोसेरोस से जुड़े है। इस नेबुला को बबलगम नेबुला के नाम से जाना जाता है। ये आकार में काफी बड़ी तो है, फिर भी बिना दूरबीन के इसे देखा नहीं जा सकता है। इसी कारण इसकी तस्वीर चिली से ली गई थी। वहीं, मोमी 5 जैसी वस्तु को सॉसरर्स स्टोन नेबुला नाम दिया गया है। कैसिओपिया तारामंडल में फैंटम ऑफ द ओपेरा के नाम से मशहूर इस नेबुला के पास स्थित है।
नेबुला क्या है?
नेबुला अंतरिक्ष में धूल और गैस के समान है, जो एक विशाल बादल की तरह है। इसके कई प्रकार होते है, जैसे ग्रहीय नेबुला, सुपरनोवा अवशेष आदि। अंतरिक्ष विज्ञान के ब्रह्मांड में आज भी ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जिनकी खोज अभी भी करनी बाकी है।