मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ठाणे की एक अदालत ने शनिवार को 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम जोड़ने पर राहुल गांधी पर संघ कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने सिविल मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इस वाद में एक रुपया का हर्जाना देने की मांग की गई थी। मामले में राहुल गांधी की तरफ से लिखित बयान दर्ज कराने में देरी होने पर अदालत ने उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
राहुल गांधी के वकील नारायण अय्यर ने इस मामले में उनके बयान में देरी के लिए कहा कि वह दिल्ली में रहते हैं, और संसद सदस्य भी हैं। इसी वजह से उनका व्यस्त कार्यक्रम रहता है। इसी वजह से इस मामले में बयान दर्ज कराने में देरी हुई।
वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि राहुल गांधी को बयान दर्ज कराने में हुई देरी के लिए माफ किया जाना चाहिए। अदालत ने उनके माफीनामे को तो स्वीकार कर लिया। लेकिन, बयान दर्ज कराने में देरी होने पर 500 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश जारी किया।
उल्लेखनीय है कि 2017 में बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को उनकी हत्या का जिम्मेदार बताया था। आरएसएस के स्वयंसेवक विवेक चंपानेरकर ने 2017 में गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
चंपानेरकर ने राहुल गांधी पर आरएसएस के बारे में झूठ और अपमानजनक बातें फैलाने का आरोप लगाया था। जिससे संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा कि गांधी की टिप्पणियां अनुमान पर आधारित थीं। उनके पास विशिष्ट साक्ष्य का अभाव था।