Aodhya news: गणतंत्र दिवस के दिन अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि परिसर में पहली बार रामलला के समक्ष तिरंगा फहराया गया । साथ ही कई मठ मंदिरों और गुरुकुलों में झंडारोहण कर बटुकों को मिष्ठान के साथ दक्षिणा भी भेंट की गई। इस राष्ट्रीय दिवस पर रामलला के दर्शन करने आये हर श्रद्धालुओं के हाथों में भगवा पताका के स्थान पर तिरंगा झण्डा देखने को मिला। जिसके दृश्य इतने सुंदर दिखे कि विश्व हिन्दू परिषद ने इस दिन को भारत की सांस्कृतिक स्वतंत्रता का पहला गणतंत्र करार दे दिया।
अयोध्या नगरी में झंडा रोहण का क्रम यहीं नहीं रूका, इसके अलावा कारसेवकपुरम में विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेशचन्द्र और तीर्थक्षेत्रपुरम में विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर ने ध्वजारोहण किया। वहीं इस मौके पर मणिराम दास छावनी में बनी टेंट सिटी में स्वच्छता कर्मियों का अभिनन्दन किया गया, जहां उन्हें सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया गया था। इस गणतंत्र दिवस पर विहिप के केंद्रीय मंत्री हरिशंकर त्रिपाठी ने मणिराम दास छावनी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को चहुंओर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाना ही हम सब का दायित्व है।
देशभक्ति के रंग में रंगी अयोध्या नगरी को देख बाबा धर्मानन्द सरस्वती ने कहा कि आज पूरा भारत देश श्रारीम के नाम पर एक हो गया है, इसलिए अब हमें समरस भारत बनाना है। इस कार्यक्रम में मध्य भारत के क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज वर्मा, विहिप के प्रान्त सह मंत्री रंदीप पोखरियाल, सोहन विश्वकर्मा, मोनी सिंह, सुशिचा व अविनाश शामिल रहे।
भारत की सांस्कृतिक स्वतंत्रता का ये पहला गणतंत्र- संगठन मंत्री सोहन
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री अजय पारिक ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। ये प्रभु श्री राम की ही कृपा है कि आज हम सब अयोध्या नगरी में गणतंत्र दिवस का पर्व मना रहे हैं। तो वहीं विश्व हिन्दू परिषद के संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक स्वतंत्रता को लेकर इस गणतंत्र दिवस का उदय हुआ है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ये देश का पहला गणतंत्र दिवस है। इसलिए श्रीराम के आदर्शों पर चलकर ही भारत देश का गणतंत्र मजबूत होगा। इसलिए बेहतर होगा कि अपने कर्तर्व्यों का पालन करते हुए अपने देश को सर्वश्रेष्ठ बनाएं।