नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने शनिवार को कोलकाता हाईकोर्ट के एक आदेश पर रोक लगा दी। यह मामला दो जजों की लड़ाई के बीच सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जिसमें सिंगल बेंच ने डिवीजन बेंच के फैसले को नजरंदाज किया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और हाई कोर्ट के इस मामले में याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 29 जनवरी को सुनवाई करेगा। इस मामले की विशेष सुनवाई करने वाली स्पेशल बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस शामिल हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस गंगोपाध्याय ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती में हुई गड़बड़ियों से जुड़े एक मामले की CBI जांच का आदेश दिया था।
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कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस से उस मामले से संबंधित दस्तावेज CBI को सौंपने को कहा! जिसमें कहा गया था कि पश्चिम बंगाल में MBBS में प्रवेश को आसान बनाने के लिए कई व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
CBI को मिले आदेश के कुछ समय बाद पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले को लेकर जस्टिस सेन और उदय कुमार की बेंच के समक्ष पहुंची। जिसने जस्टिस गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा था कि जस्टिस सोमेन सेन जो कर रहे हैं वह पश्चिम बंगाल की सत्ता में बैठे राजनीतिक दल को बचाने के लिए कर रहे हैं। उनकी हरकतें साफ तौर पर कदाचार के समान हैं। जजों के बीच इसी टकराव के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है।
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