लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करने के बाद से मालदीव में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के विरोध में महाभियोग चलाने का अभियान तेज हो गया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि इतने सांसदों के हस्ताक्षर भी जुटा लिए गए हैं जितने की आवश्यकता है। अब बस हस्ताक्षर की सूची स्पीकर के समक्ष पेश किया जाना शेष है।
बता दें कि मोहम्मद मुइज्जु की सरकार चीन के इशारों पर काम कर रही है। इसी का विरोध विपक्षी दल कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में चीन को लाभ पहुंचाने के लिए मुइज्जु सरकार 4 नए बिल संसद में लेकर आई है। इन्हीं बिल पर हो रही बहस के दौरान संसद में पक्ष व विपक्ष के सांसदों के बीच लात-घूसे चल गए।
जानकारी के अनुसार, कंडीथीमु के सांसद अब्दुल्ला शाहीन अब्दुल हकीम ने केंदिकूलहूधु के सांसद अहमद ईशा को धक्का मार कर गिरा दिया, जिसके बाद दोनों के बीच जमकर जूतम-पैजार हुई। मारपीट के दौरान दोनों सांसद चैंबर में गिर पड़े। जिसके चलते कंडीथीमु सांसद शाहीन के सिर में चोटें भी आई हैं।
क्यों चले जूते ?
विपक्षी दल के सांसदों ने मंत्रियों को मान्यता नहीं दी, जिससे ‘प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (PPM)’ और ‘पीपल्स नेशनल कॉन्ग्रेस (PNC)’ के नेता भड़क गए। वीडियो में भी देखा जा सकता है कि कैसे स्पीकर की कुर्सी के पास सांसद आपस में लड़ पड़े। सरकार का कहना है कि विपक्ष द्वारा नए मंत्रियों को मान्यता न देना मालदीव के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है।
कट्टरपंथी इस्लामिक देश के रूप में जाना जाता है मालदीव
विश्व भर में मालदीव की पहचान कट्टरपंथी इस्लामिक देश के रूप में होती है। यहां इस्लाम के अलावा किसी भी अन्य धर्म मानने वाले लोगों को, सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं इस देश पर इस्लामिक आतंकवादियों को शरण देने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं।