Banda News: उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में एक नाबालिग लड़की की 35 वर्षीय युवक से शादी करा दी गई। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तमाम कोशिशों के बाद भी इस बेमेल शादी रोकने में नाकाम रहे। पुलिस ने पहले लड़की की मां से शादी न करने संबंधी कागज़ात में हस्ताक्षर करा लिए थे। बाद में यह कहकर शादी की इजाजत दी गई कि लड़की आधार कार्ड में 18 वर्ष की हो गई है।
वहीं लड़की की बुआ व ताई ने थाने में तहरीर देकर लड़की को नाबालिग बताते हुए उसकी उम्र 16 वर्ष बताई थी।
बता दें कि जनपद के जसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में लड़की की मां ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी करा रही थी। बारात मंगलवार 30 जनवरी को आने वाली थी। पत्रकारों को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस बारे में कमिश्नर चित्रकूट मंडल और पुलिस अधीक्षक को यह जानकारी दी।
इस पर लिखित शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही गई। तब लड़की की ताई और बुआ ने जसपुरा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि लड़की की मां नाबालिग बेटी की जबरन शादी करा रही है। परिवार रजिस्टर में उसकी उम्र 16 वर्ष दर्ज है। इस शिकायत पर थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह राजावत सक्रिय हुए। उन्होंने लड़की की मां और बेटी के बयान दर्ज कराए।
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साथ ही मां से लिखित आश्वासन लिया कि वह अपनी बेटी की शादी नहीं कराएगी। इसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी मीनू सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर, लड़की और उसकी मां के बयान दर्ज करने के बाद मां से लिखित लिया कि वह अपनी बेटी की शादी नहीं करेगी। लड़की की मां इस बात का दावा करती रही कि हमारी लड़की बालिग हो चुकी है, जनवरी 2024 में वह 18 वर्ष की हो गई है।
साक्ष्य के रूप में आधार कार्ड दिखाया गया। इधर पुलिस प्रशासन की चहलकदमी से गांव में हड़कंप मचा रहा। देर रात आधार कार्ड को उम्र का सही सर्टिफिकेट मानते हुए पुलिस ने शादी की इजाजत दे दी। वहीं प्रशासन की तमाम कोशिश नाकाम हो गई।
पूरे मामले में अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र का कहना है कि SDM और थाना प्रभारी ने गांव जाकर जांच पड़ताल की।
जिसमें लड़की के बालिग होने की बात सामने आई है। वन स्टाप केंद्र ने भी जांच पड़ताल की है। इसी तरह निदेशक उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी चित्रकूट धाम मंडल पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि लड़की पढ़ी-लिखी नहीं है। परिवार रजिस्टर में 16 वर्ष जबकि आधार कार्ड में 18 वर्ष उम्र दर्ज है। ASDM पैलानी शशि भूषण मिश्र का कहना है कि गांव वालों, लड़की और उसके मां के बयान लिए गए हैं।
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सभी के बयानों के आधार पर लड़की के बालिग होने की बात सामने आई है। आधार कार्ड के हिसाब से लड़की जनवरी में 18 साल की हो चुकी है।
बता दें कि उम्र के दावे को लेकर सिर्फ आधार कार्ड और परिवार रजिस्टर को लेकर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस उलझी रही। जबकि मेडिकल टीम से जांच कराई जानी चाहिए थी, पर इसे पुलिस व प्रशासन ने जरूरी नहीं समझा।
लड़की बालिग है या नाबालिग है इस पर कोई भी अधिकारी को दावे से बात नहीं कर रहा है। कुल मिलाकर तमाम कोशिशों के बाद भी एक नाबालिग लड़की की शादी नहीं रुक सकी।
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