वाराणसी: वाराणसी जिला कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। संत समाज ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मां गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि ब्रिटिश काल से ज्ञानवापी के तहखाने में हिन्दू समाज पूजा करता आया है। कोर्ट के निर्णय के बाद सच्चाई उजागर हुई है। संत समाज कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी स्थल पर मंदिर था और हमेशा रहेगा। ज्ञानवापी परिसर के अंदर और बाहर देवी-देवताओं की मूर्तियों का मिलना, हिन्दू अभिलेखों का अंकित होना, दीवारों पर त्रिशूलों के निशान और संस्कृत भाषा का लेखन दर्शाता है कि ज्ञानवापी स्थल पर अनादि काल से मंदिर रहा है। पूजा का अधिकार मिलने के बाद हिन्दू समाज को खोई हुई सांस्कृतिक विरासत प्राप्त हो रही है।
युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवम महाराज एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू समाज की बड़ी जीत हुई है। संत समाज सहित समस्त सनातन प्रेमियों के लिए हर्ष का विषय है। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से आज न्याय हुआ है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राम मंदिर की तरह ही ज्ञानवापी परिसर में भव्य दिव्य मंदिर का निर्माण होगा। तीस वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद, हिन्दू समाज को पूजा-अर्चना की अनुमति प्राप्त हुई है। देशवासियों के लिए आज गौरव का दिन है। कोर्ट के निर्णय से हिन्दुओं की आस्था का सम्मान हुआ है।
वहीं, स्वामी ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी, स्वामी हरिहरानंद, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत सूरज दास, महंत दिनेश दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत अरुण दास, महंत अनंतानंद, महंत लोकेश दास, महामनीषी निरंजन स्वामी, स्वामी नित्यानंद, महंत श्रवण मुनि, महंत कृष्ण मुनी सहित अनेक संतों ने कोर्ट के निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है।