Lucknow
News- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी
को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया है। लोकसभा चुनाव से पहले
पेश किए गए इस बजट को लेकर देश की जनता अपनी-अपनी राय दे रही है। उद्यमी, चार्टर्ड
अकाउंटेंट, शिक्षाविद, व्यापारी, दुकानदार समेत हर वर्ग और गरीब, किसान और युवाओं का ध्यान रखा गया है। जीएसटी
ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी जीएसटी काउंसिल उप्र के सदस्य मनीष खेमका ने वित्तीय वर्ष
2024-25 के अंतरिम बजट को देश के वास्तविक विकास की ओर ले जाने वाला
बताया है।
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जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी जीएसटी काउंसिल उप्र के सदस्य
मनीष खेमका ने बताया कि मोदी सरकार का यह आत्मविश्वास से भरा अंतरिम बजट है।
अभूतपूर्व राजस्व आय और चुनावी साल होने के बावजूद लोक-लुभावन योजनाओं से परहेज़
किया गया है। कर-दाताओं की मेहनत की कमाई को वोट बटोरने के बजाए देश के वास्तविक
विकास पर ख़र्च किया जा रहा है। गरीबों के लिए दो करोड़ नए घर व गांवों में 3 करोड़
लखपति दीदी के लक्ष्य के सहारे भारत में गरीबी उन्मूलन का वायदा नहीं बल्कि ठोस
उपाय किया जा रहा है।
एक करोड़ घरों को सोलर पैनल लगवाने पर उनको
300 यूनिट
बिजली प्रति महीने मुफ़्त दी जाएगी। आर्थिक व राजनीतिक दोनों ही पैमानों पर यह
दूरदर्शी योजना वाकई बेहतरीन व सराहनीय है। इससे न केवल सोलर उद्योग बढ़ेगा, पर्यावरण सुधरेगा, बिजली का बिल कम
या खत्म होने से मध्यम वर्ग की जेब में पैसे बचेंगे, बल्कि बिजली कंपनियों की हालत भी बेहतर
होगी।
उन्होंने बताया कि इससे सरकार पर राजस्व का भार नहीं बढ़ेगा।
साथ ही हम 2070 के अपने नेट ज़ीरो के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। भारत के
विशेष रूप से मध्यमवर्गीय व नौकरी पेशा एक करोड़ करदाताओं को पुरानी टैक्स डिमांड
से राहत देने के लिए भी मोदी सरकार का हृदय से आभार व साधुवाद।