Agra News- आगरा नगर निगम के मुख्य पशु कल्याण अधिकारी डॉ अजय
कुमार यादव पर 7 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। दरअसल डॉ अजय कुमार यादव पिछले एक साल से बंद स्लॉटर हाउस को निजी फर्म के रूप में संचालित कर रहे थे।
उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने बंद
स्लॉटर हाउस में शासन के नियमों की अनदेखी की। इस मामले में आगरा के मेयर का कहना है कि स्थानांतरण होने
पर उन्हें 7 करोड़ रुपए नगर निगम में जमा कराने होंगे।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानगंज
जिले के रहने वाले रवि गांधी ने आगरा नगर निगम के मुख्य पशु कल्याण अधिकारी डॉ.
अजय कुमार यादव की प्रशासन स्तर पर शिकायत की थी। रवि गांधी ने आरोप लगाया था कि आगरा में कुबेरपुर स्थित स्लॉटर हाउस पिछले एक साल
में तीन बार बंद हो चुका है। इससे आगरा नगर निगम को रोजाना 1
लाख 20 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है, जबकि एक निजी फर्म की मिलीभगत से गैर-कानूनी
तरीके से स्लॉटर हाउस को संचालित किया जा रहा है।
स्लॉटर हाउस में पशुओं का कटान भी हो रहा है। कटान के बाद मीट
को नगर निगम के वाहनों से ही पूरे शहर में दुकानों तक पहुंचाया जाता है। इसके साथ
ही आवारा पशुओं के कटान की भी शिकायत की गई थी। सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को
पकड़कर उसे कांजी हाउस नहीं, बल्कि
स्लॉटर हाउस भेजा जाता है। इसको लेकर जांच की मांग की गई थी।
रोज काटे जा रहे 1200 पशु
आगरा
स्लॉटर हाउस व्यापारी एसोसिएशन ने भी मुख्य पशु कल्याण अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि, अधिकारी एक निजी कंपनी को फायदा देने के
लिए काम कर रहे हैं। अध्यक्ष हाजी जाफर का कहना है कि, नगर
निगम से 500 पशुओं के कटान की अनुमति है, जबकि
1200 जानवर रोज काटे जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता
रवि गांधी ने शिकायत पत्र के साथ पिछले एक साल में पशु कटान की पर्चियां सबूत के
तौर पर लगाई हैं। इस बारे में मेयर हेमलता दिवाकर का कहना है, कि मुख्य पशु कल्याण
अधिकारी डॉ. अजय यादव पर 7 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप है। जांच के बाद ये
जानकारी मिली है कि जो
रसीदें
काटी गई हैं, उसका पैसा नगर निगम में जमा नहीं किया गया। मेयर हेमलता दिवाकर का
कहना है, कि अधिकारी का आगरा नगर निगम से तबादला होने
पर उन्हें 7 करोड़ रुपए नगर निगम में जमा कराने होंगे।