देहरादून: उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता (CCC) को लेकर विधानसभा में बिल लाने वाली है। इसको लेकर 2 फरवरी शुक्रवार को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ड्रॉफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार शीघ्र CCC बिल को विधानसभा में पेश करेगी और इसे कानून के रूप में परिवर्तित कराया जाएगा।
यह भी पढें: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर काशी के संतों में नाराजगी, जानें क्या है मामला
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (CCC) कानून बनने के सुगबुगाहट के बीच सियासी पारा सातवें आसमान पर है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा CCC के जरिए लोकसभा चुनाव में लाभ लेने का प्रयास कर रही है। इसीलिए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह बिल विधानसभा में लाया जा रहा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष भी समान नागरिक संहित कानून बनाने पर आपत्ति जता रहा है।
देहरादून के शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने तो सरकार को धमकी तक दे डाली है। काजी कासमी ने धमकी देते हुए कहा कि सरकार जो चाहे फैसला ले सकती है। प्रदेश की बागडोर उनके हाथ में है। लेकिन, सीसीसी लागू होने के बाद, जो नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार 6 फरवरी को समान नागरिक संहिता (CCC) विधेयक विधानसभा में पेश कर सकती है। धामी सरकार ने 5 से 8 फरवरी के बीच विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
यह भी पढ़ें: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट का दावा; शाही ईदगाह मस्जिद होने के साक्ष्य नहीं, याचिका दायर
CCC बिल विधानसभा में पेश करने से पूर्व शनिवार 3 फरवरी को कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी। प्रक्रिया के तहत यह बिल विधानसभा में पास होने के बाद राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाएगा।