Lucknow news: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एचआईवी संक्रमितों को एक बड़ी राहत मिली है। जी हां, जिला अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी(एआरटी) सेंटर ने एचआईवी संक्रमितों को एक बड़ी सुविधा दी है। वो ये कि, किसी भी एचआईवी संक्रमितों को अपनी जांच के लिए अब लखनऊ के केजीएमयू का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। बता दें कि, ये सूचना बीते शुक्रवार को सीएमएस महेंद्र मौर्या ने दी है। जिसने एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी सेंटर में सीडी-4 मशीन का उद्घाटन करके एचआईवी मरीजों की जांच भी शुरू करा दी है। ये सुविधा पाकर सभी मरीज खुशी से झूम उठे।
एचआईवी संक्रमित मरीजों की इलाज को लेकर सीएमएस महेंद्र मौर्या ने कहा कि, इन मरीजों को दी जाने वालीं औषधियों की प्रभावशीलता की जांच अब जिले स्तर पर हो सकेगी। इस सुविधा से इन मरीजों को ये फायदा है कि उन्हें इलाज में तुरंत सहूलियत मिलेगी, हालांकि, इससे पहले ये था कि, एचआईवी संक्रमितों का ब्लड सैपल लखनऊ ले जाकर जांच करवाना पड़ता था, इन्हीं कारणों की वजह से लखनऊ से जांच रिपोर्ट आने का घंटों इतंजार करना पड़ता था।
सीडी-4 कोशिकाओं की जांच में अब नहीं होगी कोई दिक्कतें
सीएमएस ने ये भी कहा कि शरीर के अंदर सीडी-4 नाम की रक्त कोशिकाएं काम करती हैं। जो शरीर में घूमती और बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने में मदद करती हैं। खासकर ये एचआईवी संक्रमित मरीजों में इन्हीं कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए इलाज किया जाता है। जब ये कोशिकाएं सक्रिय होती है तभी ये शरीर में एचआईवी का संक्रमण कम भी होता है। आज इसी जांच की सुविधा दी गई है, जिसके चलते अब मरीजों में सीडी-4 कोशिकाओं की जांच बहुत आसानी से हो सकती है।
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एआरटी के नोडल अधिकारी ने कही ये बात
वहीं एआरटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि वर्तमान में 1,010 मरीजों को इस चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा है। जो अब सीडी-4 की जांच उपलब्ध होने से उन्हें बिना इंतजार किए ही तुरंत लाभ मिलेगा। वहीं मशीन उद्धाटन के मौके पर वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अल्ताफ हुसैन, मैट्रन अर्चना पांडेय समेत कई लोग मौजूद रहे।