रायचूर: कर्नाटक के रायचूर जिला स्थित कृष्णा नदी के जल से भगवान विष्णु की एक प्रचीन मूर्ति मिली है। यह मूर्ति दिखने में अयोध्या के रामलला जैसी ही है। मूर्ति के चारों ओर भगवान विष्षु के सभी 10 अवतारों की आभा को चित्रित है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मूर्ति के साथ एक शिवलिंग भी प्राप्त हुई है। यह दोनों मूर्तियां सदियों पुरानी हैं। मूर्तियां कर्नाटक-तेलंगाना सीमा पर कृष्णा नदी के ऊपर एक पुल के निर्माण के दौरान मिली हैं।
प्राप्त मूर्तियों के बारे में जानकारी देते हुए कर्नाटक के प्रसिद्ध इतिहासकार पद्मजा देसाई ने मीडिया को बताया कि यह मूर्तियां 11वीं सदी के कल्याण चालुक्य राजवंश की हैं। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि हो सकता है कि अंतर-धार्मिक युद्धों के दौरान दुश्मनों से बचाने के लिए मूर्तियों को जानबूझकर नदी में विसर्जित किया गया हो। देसाई ने कहा कि रायचूर पर कई शाही परिवारों का शासन रहा है। यह स्थान 163 से अधिक लड़ाइयों का गवाह है।
इतिहासकारों का कहना है कि हो सकता है बहमनी सुल्तानों और आदिल शाहियों के हमलों से बचाने के लिए इन मूर्तियों को नदी में विसर्जित कर दिया गया हो। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मूर्तियों का निरीक्षण किया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया।
पुरातत्व विभाग के अनुसार, मूर्तियों को तराशने के लिए इस्तेमाल किए गए पत्थर यह इंगित करते हैं कि मूर्तियाँ कल्याण चालुक्य के समय की थीं। पुरातत्व विभाग के अधिकारी सदियों पुरानी मूर्तियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए शोध कर रहे हैं।