Lucknow News- उत्तर
प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्मिक विभाग
की तरफ से आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार विभागों में कार्यरत लोगों को
अवकाश हेतु मानव सम्पदा पोर्टल पर आवेदन करने होंगे। यदि किसी भी अधिकारी या
कर्मचारी द्वारा लापरवाही की गई, तो इसका सीधा असर उसकी नौकरी पर पड़ेगा। लारपवाही
करने पर सरकार उसका प्रमोशन और इंक्रीमेंट रोक देगी।
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दरअसल, उत्तर
प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को कार्मिक विभाग के अपर मुख्य
सचिव देवेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया
है कि सभी प्रकार के अवकाश मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकृत किए जाएंगे।
भौतिक रूप से अवकाश संबधी प्रार्थना-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस आदेश
के अन्तर्गत सभी प्रकार के अवकाश मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने पर
पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकृत किए जाएंगे। यदि किसी प्रकार के अवकाश को भौतिक
रूप से स्वीकृत किया जाता है, तो उसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व अवकाश
स्वीकृत कर्ता अधिकारी का होगा। इसके लिए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अनुपस्थित माना जाएगा भौतिक
रूप से अवकाश लेना
कर्मचारियों के लिए जारी किए गए आदेशानुसार अगर कोई
कर्मचारी किसी कागज पर छुट्टी का आवेदन लिखकर छुट्टी पर चला जाता है, तो उस आवेदन
को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस आदेश के अन्तर्गत उस कर्मचारियों को अनुपस्थित
मानते हुए उसकी सर्विस बुक ब्रेक कर दी जाएगी। सर्विस बुक ब्रेक होने की
दशा में ऐसे कर्मचारियों की इंक्रीमेंट और प्रमोशन उसी दिन से निर्धारित किए जाएगा।
जिस दिन वह सर्विस ब्रेक होने के बाद दोबारा अपने पद पर ज्वाइन करेगा। ऐसे में
पूरी सर्विस बुक नए सिरे से तैयार की जाएगी। जिसकी वजह से कर्मचारियों को काफी
नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
अधिकांश कर्मचारियों के बन गए हैं मानव संपदा
अकाउंट
उत्तर
प्रदेश के सरकारी विभागों में अधिकांश कर्मचारी और अधिकारियों ने आपने मानव संपदा
अकाउंट बना लिए हैं। जिसके माध्यम से वे अपनी छुट्टी अप्लाई कर सकते हैं और ऑनलाइन
उनका विभाग अध्यक्ष इस छुट्टी को प्रमाणित करता है। ऑनलाइन छुट्टी प्रमाणित होने
की दशा में विभाग अध्यक्षके सामने
सभी छुट्टियों की पारदर्शी जानकारी उपलब्ध होती है। कर्मचारी इसमें कोई घालमेल
नहीं कर सकता।