गुरुवार को संसद के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया। इस श्वेत पत्र पर शुक्रवार 9 फरवरी को चर्चा होगी। श्वेत पत्र के जरिए यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यों की तुलना की जाएगी। इसके साथ ही सरकार अपने कार्यकाल में उठाए गए सकारात्मक कदमों के बारे में भी बताएगी।
यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में वर्तमान सरकार की ओर से जारी श्वेत पत्र में बताया गया है कि तत्कालीन सरकार आर्थिक क्रियाकलापों को सुचारु रूप से चलाने में विफल रही। श्वेत पत्र में ये भी बताया गया कि यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियां उस समय औसत दर्जे की थीं, जब वे सत्ता में आए थे। इसके बाद जैसे-जैसे दशक बीतता गया,, वे और खराब होती चली गईं।
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बजट भाषण में वित्त मंत्री ने क्या कहा था ?
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले देश आर्थिक संकट में था। निर्मला सीतारमण ने इसके लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत मेहनत की है।
संसद में कांग्रेस लाई ब्लैक पेपर
वहीं गुरुवार की सुबह कांग्रेस की तरफ से ब्लैक पेपर पेश किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को ब्लैक पेपर जारी करते हुए कहा था कि बीजेपी लोकतंत्र को खत्म कर रही है। इसके अलावा इसमें रोजगार, बेरोजगारी और महंगाई का भी मुद्दा उठाया गया था।
क्या है श्वेत पत्र
बता दें कि श्वेत पत्र एक रिपोर्ट होती है, जिसके जरिए सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाता है। श्वेत पत्र में शामिल दस्तावेज कई रंगों के होते हैं। इन्हीं रंगों के हिसाब से दस्तावेजों का वितरण किया जाता है।
कौन जारी करता है श्वेत पत्र
सरकार के अलावा कोई भी कंपनी या संस्था श्वेत पत्र ला सकती है। आमतौर पर कंपनियां इसके जरिए अपनी स्थिति के बारे में बताती हैं। इससे कंपनी के ग्राहकों और उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी भी मिलती है।