शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान पूर्व की यूपीए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन काल में कोयले की कमी के कारण पावर प्लांट की स्थिति खराब थी। उस दौरान कोयला उत्पादन करने वाले राज्यों की हालत खस्ता हो गई। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन लोगों ने कोयले को राख बना दिया था, जबकि हम लोगों ने उस कोयले को हीरा बना दिया। उन्होंने कहा कि आज वहीं हीरा खनिज क्षेत्र में डिस्ट्रिक मिनरल फाउंडेशन के रूप में अपनी चमक बिखेर रहा है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि यूपीए काल में जिस तरह से अर्थव्यवस्था की स्थिति थी, अगर हमारी सरकार हालात को नहीं सुधारती, तो जाने क्या होता। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड के बाद मोदी जी ने देश को कैसे संभाला। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि इस देश में 12 दिन के कॉमनवेल्थ गेम का हाल क्या हुआ। पूरी दुनिया ने देखा। उसमें करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ। सीतारमण ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स फ्लॉप शो हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके उलट जी-20 में पूरे राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि जी-20 को शानदार तरीके से चलाया गया। इससे देश-विदेश में भारत का मान बढ़ा। उन्होंने कहा कि इस श्वेत पत्र में उसपर भी बातचीत है।
दरअसल जो श्वेत पत्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में पेश किया था, उसपर आज शुक्रवार को चर्चा हो रही है। इस श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से UPA सरकार में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान,, भारत को झेलना पड़ा। श्वेत पत्र में कहा गया है कि यूपीए सरकार ने 2004 में सत्ता में आने के बाद सुधारों को छोड़ दिया और वह पिछली एनडीए सरकार द्वारा रखी गई मजबूत नींव पर निर्माण करने में विफल रही।