नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अबु धाबी में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह मंदिर मानवता की साझा विरासत का प्रतीक है। साथ ही भारत और अरब के लोगों के आपसी प्रेम का भी प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर उद्घाटन के बाद यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मब बिन जायद अल नाहयान की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए स्थान और अनुमति देने के लिए मैं राष्ट्रपति शेख का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। पीएम ने कहा कि यह मंदिर राष्ट्रपति की विश्व बंधुत्व की सोच का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर राष्ट्रपति शेख के सम्मान में स्टैंडिग ओवेशन दिया गया। साथ ही प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति नाहयान ने भारतीय समुदाय के लिए एक अस्पताल निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी संस्कृति, हमारी आस्था हमें विश्व कल्याण के इन संकल्पों का हौसला देती है। भारत इस दिशा में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि अबू धाबी के मंदिर की मानवीय प्रेरणा हमारे इन संकल्पों को ऊर्जा देगी, उन्हें साकार करेगी।’
मंदिर निर्माण और इसमें उपयोग प्रतीक चिन्हों में विभिन्न धर्मों के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति विविधता में एकता को देखती है। विविधता में बैर नहीं बल्कि विशेषता को देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय दुनिया में जहां जाता है वहां की संस्कृति को सम्मान देता और अपनाता है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह मंदिर यूएई की पहचान और संस्कृति में एक अध्याय जोड़ने का काम करेगा। पीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आएंगे, जिससे लोगों के बीच मेल-जोड़ बढ़ेगा।