लखनऊ: 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने कई प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र से प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है, उसमें से एक नाम चर्चाओं में है। यह नाम है डॉ अजित गोपछडे का। डॉ अजित गोपछडे की राम मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका रही। उन्होंने अयोध्या जाकर कारसेवा की और बड़े स्तर पर राम मंदिर आंदोलन से लोगों को जोड़ने का काम किया था।
बीजेपी से राज्य सभा प्रत्याशी बनाए जाने वाले डॉ अजित गोपछडे उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो विवादित ढांचा गिराने के लिए ऊपर चढ़े थे। राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अजित गोपछडे को राज्य सभा सांसद बनाने का निर्णय लिया है।
राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने के बाद डॉ अजित गोपछडे ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें राम मंदिर आंदोलन के दौरान शिला पूजन की जिम्मेदारी मिली थी। डॉ अजित ने बताया कि उस दौरान मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में गटप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहा था। तब मैं मात्र 22 वर्ष का था। मुझे रेल के माध्यम से लोगों को अयोध्या लेकर जाना था और वहां कारसेवा करनी थी।
डॉ अजित गोपछडे ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ गए। उन्होंने बताया कि मैं राम मंदिर आंदोलन के दौरान 170 गांवों तक गया। इन गांवों में शिला पूजन करा कर लोगों को आंदोलन से जोड़ा। उन्होंने बताया कि मैंने अपना पूरा जीवन हिंदुत्व के लिए समर्पित कर दिया।
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डॉ अजित गोपछडे का विवादित ढांचा गिराने के दौरान लिया गया एक चित्र सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इस चित्र को लेकर किए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि ढांचा गिराने की कोई पहले से योजना नहीं थी। उन्होंने बताया कि हमारा गुट युवाओं का था। हमारे मन में बस एक ही विचार चल रहा था कि प्रभु श्रीराम की सेवा करनी है। लेकिन, मैंने वहां लोगों में एक अद्भुत ऊर्जा देखी। युवाओं ने तार काट दिया था। उसके बाद ढाचे पर चढ़ें लोगों को संभालने के लिए मैं ऊपर गया। ताकि कोई ऊपर से नीचे ना गिरे। काफी देर तक मैं ऊपर था और वहां पर मेरी कोशिश थी कि किसी की जान न जाए, किसी को चोट न पहुंचे।