लखनऊ: राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से भाजपा के 8वें प्रत्याशी संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन किया। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। भाजपा के इस फैसले से सपा की राह अब आसान नहीं रह गई है।
संजय सेठ ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी,उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य समेत प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में विधानसभा के कक्ष में बने निर्वाचन कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। नामांकन की अंतिम तिथि आज यानि 15 फरवरी है। मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे भी उसी दिन शाम तक घोषित कर दिए जाएंगे।
इस चुनाव में भाजपा पहले ही अपनी पार्टी के विधायकों के संख्या बल के हिसाब से 7 प्रत्याशी को मैदान में उतार चुकी है। सभी प्रत्याशियों ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र भी भर दिया। वहीं, सपा ने पार्टी के विधायकों की संख्या के अनुसार से 3 सीटों पर प्रत्याशी उतारे है। लेकिन, संजय सेठ के नामांकन करने से सपा की चुनावी गणित गड़बड़ा गई है। संजय सेठ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। लेकिन, उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।
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उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के 06 विधायक हैं। रालोद के 09, सुभासपा के 06, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 02 और बसपा का 01 सदस्य है। यूपी में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।